प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत ने दुनिया को 'युद्ध' नहीं, 'बुद्ध' दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को 'बुद्ध' दिया है न कि 'युद्ध'. मोदी ने कहा कि हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया से आतंक के खिलाफ एकजुट होने का भी आग्रह किया.

मोदी ने कहा, "हम मानते हैं कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि सभी देशों और मानव जाति के लिए एक चुनौती है. इसलिए मानव हित के लिए दुनिया को आतंक के खिलाफ एकजुट होना होगा." उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अलग-अलग दृष्टि से आतंक को नहीं देखना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष पूरा विश्व महत्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व के लिए प्रासंगिक है.

उन्होंने कहा, "इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ, दुनिया के सबसे लोकतंत्र के लोगों ने सबसे ज्यादा वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया." उन्होंने कहा, "दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान भारत में संपन्न हुआ. एक विकासशील देश ने सिर्फ 5 वर्ष में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय तैयार कर अपने लोगों को दिया. अगले 5 साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं. भारत के दूर-दराज के इलाकों में सवा लाख किलोमीटर सड़कें हम बनाने जा रहे हैं." यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- गांधीजी का सत्य, अहिंसा का संदेश आज भी प्रासंगिक

प्रधानमंत्री ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है. आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं तो इस वक्त हम अपने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने का बड़ा अभियान चला रहे हैं. साल 2020 तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का इंतजाम कर लेंगे. हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "भारत हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा प्राण तत्व है. हमने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं. इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है, साथ-साथ आक्रोश की भी है. आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ."

उनके संबोधन से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर साझा की और लिखा, 'वल्र्ड स्टेज के बैकस्टेज पर.'मोदी का भाषण सुनने के लिए काफी संख्या में भारतीय भी संयुक्त राष्ट्र महासभा पहुंचे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाहर भारतीय काफी संख्या में मौजूद रहे और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रहे थे.