पीएम मोदी ने पेश की मिसाल, सियोल शांति पुरस्कार के साथ मिली रकम पर आयकर छूट लेने से किया मना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देशवासियों के लिए मिसाल पेश की है. उन्होंने हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर सियोल पीस प्राइज के साथ मिले नकद पुरस्कार पर टैक्स लेने का अनुरोध किया है. जिसे वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.

PM मोदी सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने एक बार फिर देशवासियों के लिए मिसाल पेश की है. उन्होंने हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर सियोल पीस प्राइज (Seoul Peace Prize) के साथ मिले नकद पुरस्कार पर टैक्स (Tax) लेने का अनुरोध किया है. जिसे वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.

इसी साल फरवरी महीनें में पीएम मोदी को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित एक समारोह में 14वें सियोल शांति पुरस्कार (सियोल पीस प्राइज) से सम्मानित किया गया था. इसके तहत उन्हें 1 करोड़ 30 लाख रुपये की धनराशि भी मिली थी. जिस पर आयकर विभाग ने आईटी अधिनियम की धारा 10 (17A) (i) के तहत छूट देने का फैसला किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 11 अगस्त को पीएम मोदी ने सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि आयकर विभाग ने सियोल शांति पुरस्कार के तहत मिली धनराशि पर इनकम टैक्स छूट देने का निर्णय लिया है. लेकिन वे खुद को देश का आम नागरिक मानते हैं और ऐसे में उनकी अंतर्रात्मा इस छूट को स्वीकर करने की अनुमति नहीं देती है. इसलिए आपसे आग्रह है कि इस छूट को वापस ले लिया जाए. इसके तुरंत बाद आयकर विभाग ने 14 अगस्त को कर छूट को वापस ले लिया.

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गौरतलब है कि पीएम मोदी को वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए साल 2018 का ‘सियोल शांति पुरस्कार’ प्रदान किया गया था. यह सम्मान पाने वाले मोदी 14वें व्यक्ति हैं. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल जैसी जानी मानी हस्तियां तथा संगठन यह पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

इस पुरस्कार की स्थापना सियोल में आयोजित 24वें ओलंपिक खेलों की सफलता को मनाने के लिए 1990 में की गई थी. यह पुरस्कार कोरियाई प्रायद्वीप और शेष दुनिया में शांति के लिए कोरियाई लोगों की आकांक्षाओं के सम्मान में स्थापित किया गया था.

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