![अनुच्छेद 370 रद्द होने पर बोले पीएम मोदी- कुछ लोगों को लगता था जम्मू-कश्मीर में राज करना गॉड गिफ्ट है, अब लोकतंत्र होगा मजबूत अनुच्छेद 370 रद्द होने पर बोले पीएम मोदी- कुछ लोगों को लगता था जम्मू-कश्मीर में राज करना गॉड गिफ्ट है, अब लोकतंत्र होगा मजबूत](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/08/Narendra-Modi-2-380x214.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने दूसरे कार्यकाल के 75 दिन पूरे होने पर आईएएनएस के साथ विस्तार से बात की. उन्होंने अपनी आगे की प्राथमिकताओं का जिक्र किया और जम्मू एवं कश्मीर, मेडिकल सुधार, शिक्षा के महत्व के साथ-साथ नौकरशाही के अंदर से भ्रष्टाचार के ट्यूमर को निकालने जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर बात रखी. आईएएनएस के एडिटर-इन-चीफ संदीप बामजई के साथ विस्तृत बातचीत में प्रधानमंत्री ने देश के सामने मौजूद सर्वाधिक विवादित मुद्दों और इन समस्याओं के निदान पर अपने विचार रखे.
आपने अपनी सरकार के 75 दिन पूरे किए हैं. हर सरकार इस तरह के मील के पत्थरों के नंबरों से गुजरती है और अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बातें करती है. हम यह क्यों मानें कि आपकी सरकार अलग तरह की है?
हमने अपनी सरकार के शुरुआती कुछ दिनों में ही अभूतपूर्व रफ्तार तय कर दी. हमने जो हासिल किया वह स्पष्ट नीति, सही दिशा का परिणाम है. हमारी सरकार के पहले 75 दिनों में ही बहुत कुछ हुआ. बच्चों की सुरक्षा से लेकर चंद्रयान 2, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से लेकर तीन तलाक जैसी बुराई से मुस्लिम महिलाओं को मुक्त करना, कश्मीर से लेकर किसान तक, हमने दिखाया है कि मजबूत जनादेश प्राप्त दृढ़संकल्पित सरकार क्या हासिल कर सकती है. हमने जल आपूर्ति सुधारने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के एकीकृत दृष्टिकोण और एक मिशन मोड के लिए जलशक्ति मंत्रालय के गठन के साथ हमारे समय के सर्वाधिक जरूरी मुद्दे को सुलझाने के साथ शुरुआत की है.
क्या अभूतपूर्व जनादेश ने आपकी लोगों के प्रति इस प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है कि सुधारों को जमीनी स्तर तक ले जाना है? और, आपने अपने राजनैतिक वजन का इस्तेमाल कार्यपालिका से परे जाकर किया और जनादेश का इस्तेमाल विधायिका में किया?
--एक तरह से, सरकार की जिस तरह जोरदार तरीके से सत्ता में वापसी हुई है, उसका भी यह परिणाम है. हमने इन 75 दिनों में जो हासिल किया है, वह उस मजबूत बुनियाद का परिणाम भी है, जिसे हमने पिछले पांच सालों के कार्यकाल में बनाया था. पिछले पांच सालों में किए गए सैकड़ों सुधारों ने यह तय किया है कि देश आज उड़ान भरने के लिए तैयार है, इसमें जनता की आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं. 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र ने रिकॉर्ड बनाया है. यह 1952 से लेकर अबतक का सबसे फलदायी सत्र रहा है. मेरी नजर में यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, बल्कि बेहतरी का एक ऐतिहासिक मोड़ है, जिसने संसद को जनता की जरूरतों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया है. कई ऐतिहासिक पहल शुरू की गईं, जिसमें किसानों और व्यापारियों के लिए पेंशन योजना, मेडिकल सेक्टर का रिफॉर्म, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता में महत्वपूर्ण संशोधन, श्रम सुधार की शुरुआत..और यह और भी है. मुद्दे का सार यह है कि अगर नीयत सही हो, उद्देश्य और कार्यान्वयन स्पष्ट हो तथा लोगों का सहयोग हो तो फिर कोई सीमा नहीं है कि हम क्या कुछ कर सकते हैं."
मेडिकल सुधारों को लेकर चौतरफा चर्चा हो रही है. क्या आप समझते हैं कि आप जो बदलाव ला रहे हैं, उस पर अच्छी तरह से सोच विचार किया गया है?
--जब हमने 2014 में सरकार बनाई थी, तो मेडिकल शिक्षा की वर्तमान प्रणाली के बारे में कई चिंताएं थी. इससे पहले अदालतें भारत में मेडिकल शिक्षा को देख रही संस्थानों पर कड़ी टिप्पणियां कर रही थी और उसे 'भ्रष्टाचारियों की मांद' करार दिया था. एक संसदीय समिति ने भी व्यापक अध्ययन किया और कहा कि मेडिकल शिक्षा की हालत खस्ताहाल है और इसमें कुप्रबंधन, पारदर्शिता की कमी और मनमानी की ओर इशारा किया गया था.
पहले की सरकारों ने भी इस सेक्टर में सुधार का विचार किया थ/schema.org/ListItem" class="breadcrumb-item">देश
जो लोग जम्मू एवं कश्मीर पर लिए गए निर्णय का विरोध कर रहे हैं, वे बस एक बुनियादी सवाल का उत्तर दे दें कि अनुच्छेद 370 और 35ए को वे क्यों बनाए रखना चाहते हैं?
उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है. और ये वही लोग हैं, जो उस हर चीज का विरोध करते हैं जो आम आदमी की मदद करने वाली होती हैं. रेल पटरी बनती है, वे उसका विरोध करेंगे. उनका दिल केवल नक्सलियों और आतंकवादियों के लिए धड़कता है. आज हर भारतीय जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा है और मुझे भरोसा है कि वे विकास को बढ़ावा देने और शांति लाने में हमारे साथ खड़ा रहेंगे.
लेकिन क्या लोकतंत्र को लेकर चिंता नहीं है? क्या कश्मीर के लोगों की आवाज सुनी जाएगी?
--कश्मीर ने कभी भी लोकतंत्र के पक्ष में इतनी मजबूत प्रतिबद्धता नहीं देखी. पंचायत चुनाव के दौरान लोगों की भागीदारी को याद कीजिए. लोगों ने बड़ी संख्या में मत डाले और धमकाने के आगे झुके नहीं. नवंबर-दिसंबर 2018 में पैंतीस हजार सरपंच चुने गए और पंचायत चुनाव में रिकार्ड 74 फीसदी मतदान हुआ. पंचायत चुनाव के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई. चुनावी हिंसा में रक्त की एक बूंद भी नहीं गिरी. यह तब हुआ जब मुख्यधारा के दलों ने इस पूरी प्रक्रिया के प्रति उदासीनता दिखाई थी. यह बहुत संतोष देने वाला है कि अब पंचायतें विकास और मानव सशक्तिकरण के लिए फिर से सबसे आगे आ गईं हैं. कल्पना कीजिए, इतने सालों तक सत्ता में रहने वालों ने पंचायतों को मजबूत करने को विवेकपूर्ण नहीं पाया. और यह भी याद रखिए कि लोकतंत्र पर वे महान उपदेश देते हैं लेकिन उनके शब्द कभी काम में नहीं बदलते.
इसने मुझे चकित और दुखी किया कि 73वां संशोधन जम्मू एवं कश्मीर में लागू नहीं होता. ऐसे अन्याय को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? यह बीते कुछ सालों में हुआ है जब जम्मू एवं कश्मीर में पंचायतों को लोगों को प्रगति की दिशा में काम करने के लिए शक्तियां मिलीं. 73वें संशोधन के तहत पंचायतों को दिए गए कई विषयों को जम्मू एवं कश्मीर की पंचायतों को स्थानांतरित किया गया. अब मैंने माननीय राज्यपाल से ब्लॉक पंचायत चुनाव की दिशा में काम करने का अनुरोध किया है. हाल में जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने 'बैक टू विलेज' कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें लोगों को नहीं बल्कि समूची सरकारी मशीनरी को लोगों तक पहुंचना पड़ा. वे केवल लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए उन तक पहुंचे. आम नागरिकों ने इस कार्यक्रम को सराहा. इन प्रयासों का नतीजा सभी लोगों के सामने है. स्वच्छ भारत, ग्रामीण विद्युतीकरण और ऐसी ही अन्य पहलें जमीनी स्तर तक पहुंच रही हैं. वास्तविक लोकतंत्र यही है.
मैंने लोगों को आश्वस्त किया है कि जम्मू, कश्मीर में चुनाव जारी रहेंगे और केवल इन क्षेत्रों के लोग हैं जो वृहत्तर जनसमुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे. हां, जिन्होंने कश्मीर पर शासन किया, वे सोचते हैं कि यह उनका दैवीय अधिकार है, वे लोकतंत्रीकरण को नापसंद करेंगे और गलत बातें बनाएंगे. वे नहीं चाहते कि एक अपनी मेहनत से सफल युवा नेतृत्व उभरे. यह वही लोग हैं जिनका 1987 के चुनावों में आचरण संदिग्ध रहा है. अनुच्छेद 370 ने पारदर्शिता और जवाबदेही से परे जाकर स्थानीय राजनैतिक वर्ग को लाभ पहुंचाया. इसको हटाया जाना लोकतंत्र को और मजबूत करेगा.