लखनऊ, 23 सितम्बर: मेडिकल डिवाइस पार्क, टॉय पार्क, टेक्सटाइल पार्क और लेदर पार्क के साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क भी विकसित करेगा. ये पार्क सौ एकड़ में विकिसत किया जाएगा. ऐसा ही एक पार्क गोरखपुर में भी 52 एकड़ में स्थापित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है. सूबे में स्थापित किए जाने वाले इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्कों से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश में प्लास्टिक इंड्रस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. अगले 10 साल में प्लास्टिक की कई गुना बढ़ने वाली डिमांड का संज्ञान लेते हुए ही प्रदेश सरकार ने राज्य में इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना की कार्यवाही शुरू की है. यह भी पढ़े: Sensex Update Today: शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 450 अंक से अधिक चढ़ा, निफ्टी 17,650 के पार
प्लास्टिक की बढ़ती डिमांड को ध्यान में रखते हुए ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन लगातार यीडा क्षेत्र में प्लास्टिक उद्योगों के लिए योजना लाने का आग्रह कर रहा था. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्लास्टिक की बढ़ती डिमांड को देखते हुए वर्ष 2030 तक प्लास्टिक की डिमांड 5 से 6 गुना तक बढ़ सकती है. ऐसे में भविष्य की जरूरत को पूरा करने को नई इंडस्ट्री लगना जरूरी है. यीडा क्षेत्र में नई-नई इंडस्ट्री लग रही हैं. प्लास्टिक इंडस्ट्री भी स्थापित होने से क्षेत्र की लोकप्रियता में इजाफा तो होगा ही, इस क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट (प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क ) निश्चित रूप से सफल होगा. इसके अलावा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. नए उद्योग स्थापित होने से यमुना प्राधिकरण की भी अच्छी कमाई हो सकेगी.
यीडा के अधिकारी भी इस तर्क से सहमत हैं. इनका कहना है कि यीडा के क्षेत्र जेवर एयरपोर्ट के बनने के फैसले के बाद से अब तक 1942 निवेशकों को उद्यम स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है. ये 1942 निवेशक 17,272.74 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी फैक्ट्री स्थापित कर रहे हैं. इन निवेशकों के फैक्ट्रियों में 2,65,718 लोगों को रोजगार मिलेगा. यीडा में हो रहे इस निवेश में सबसे अधिक रोजगार जेवर एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, लेदर पार्क और प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क में लोगों को मिलेगा. सबसे अधिक नौकरियां जेवर एयरपोर्ट से लोगों को मिलगी. इसके बाद सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन पर 5,250 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क में 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। फिल्म सिटी में 15 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. इसी प्रकार गोरखपुर के प्लास्टिक पार्क में 100 से ज्यादा प्लास्टिक की इकाइयां लगने की संभावना है ,जिससे प्रत्यक्ष रूप से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा इस पार्क में प्लास्टिक पर शोध करने और प्लास्टिक के रिसाइकिंलग करने के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी(सिपेट) 5 एकड़ जमीन में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए जो नीतियां बनाई हैं, उनसे बड़े निवेशक बहुत प्रभावित हुए हैं. ये निवेशक सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों का लाभ लेते हुए अपना उद्यम राज्य में स्थापित करना चाहते हैं. इसका संज्ञान लेते हुए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन ने यीडा के क्षेत्र में प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना का आग्रह किया था. इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताते हुए यीडा के सेक्टर 10 में ये पार्क विकसित करने का फैसला किया गया. इस पार्क में 20 से अधिक निवेशकों ने निवेश करने संबंधी प्रस्ताव दिए हैं. इन निवेशकों ने यहाँ मेडिकल उपकरण, कृषि संबंधी उपकरण, पीवीसी पाइप, पैकेजिंग तथा प्लास्टिक फर्नीचर आदि बनाने के प्रस्ताव दिए हैं. इन निवेशकों से प्राधिकरण ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है. जल्दी ही प्लास्टिक इंडस्ट्री की कई ख्याति प्राप्त इस पार्क में निवेश करेंगी.