नेताओं के रेमडेसिविर खरीदने के मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर
दिल्ली उच्च न्यायालय में शनिवार को उस जनहित याचिका का उल्लेख किया गया, जिसमें नेताओं के रेमडेसिविर खरीदने और उन्हें वितरित करने के दावों के लिये प्राथमिकी दर्ज करने और उसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है.
नयी दिल्ली, 1 मई : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में शनिवार को उस जनहित याचिका का उल्लेख किया गया, जिसमें नेताओं के रेमडेसिविर (Remdisivir) खरीदने और उन्हें वितरित करने के दावों के लिये प्राथमिकी दर्ज करने और उसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है. अधिवक्ता विराग गुप्ता ने इस याचिका का उल्लेख न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष किया गया. पीठ ने उनसे दिन में याचिका को रिकॉर्ड में लाने को कहा. याचिका में सवाल उठाया गया है कि कैसे नेता औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत जरूरी अनुमति नहीं होने के बावजूद बड़ी मात्रा में दवाएं खरीद रहे हैं, जबकि आम जनता को ये नहीं मिल रही हैं.
हृदय फाउन्डेशन के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्तर के शूटर याचिकाकर्ता दीपक सिंह ने दावा किया है, ‘‘अपने राजनीतिक फायदे के लिये दवाओं तक लोगों की पहुंच नहीं होने देना गंभीर प्रकृति का अपराध है और यह समूचे भारत में कोरोना वायरस के रोगियों को प्रभावित करता है.’’ सिंह ने अधविक्ता गौरव पाठक के जरिये दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि नेता बड़े पैमाने पर रेमडेसिविर जैसी अहम दवाओं की जमाखोरी, अंतरण और वितरण में शामिल हैं. याचिका में दावा किया गया है, ‘‘राजनीतिक दल जिनमें से ज्यादातर के मुख्यालय दिल्ली में हैं, वे अपनी राजनीतिक ताकत का फायदा उठा रहे हैं और मेडिकल माफिया को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं.’’ यह भी पढ़ें : COVID-19 in India: मुंबई में कोरोना मरीजों की मदद को आगे आए Sonu Nigam, Oxygen कनस्तर करेंगे दान
प्राथमिकी दर्ज करके मामले की सीबीआई जांच कराने के अतिरिक्त याचिका में कोविड-19 की दवाओं की कालाबाजारी में शामिल लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेने की गुजारिश की गई है. साथ ही याचिका में दवाओं की जमाखोरी एवं उनके अवैध वितरण में शामिल सांसदों एवं विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया है.