Padma Shri Dr Dawar Passes Away: 20 रुपये में इलाज करने वाले डॉक्टर पद्मश्री डॉ. एमसी डाबर का निधन, जबलपुर ने खोया अपना मसीहा

Padma Shri Dr Dawar Passes Away: मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक बहुत ही दुखद खबर आई है. गरीबों और जरूरतमंदों के प्यारे '20 रुपये वाले डॉक्टर', पद्मश्री डॉ. एम.सी. डाबर, अब हमारे बीच नहीं रहे. 84 साल की उम्र में उन्होंने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली. उनके जाने की खबर से हर कोई दुखी है, क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इंसानियत की सेवा में लगा दी.

सिर्फ 2 रुपये से शुरू किया था इलाज

डॉ. डाबर की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. उन्होंने साल 1972 में मरीजों का इलाज करना शुरू किया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि तब वे एक मरीज से सिर्फ 2 रुपये फीस लेते थे. समय बदला, महंगाई बढ़ी, लेकिन डॉ. डाबर का सिद्धांत नहीं बदला. आज जब बड़े-बड़े डॉक्टरों की फीस हजारों में है, तब भी वे सिर्फ 20 रुपये में लोगों का इलाज कर रहे थे. उनका बस एक ही मकसद था - कोई भी गरीब पैसे की कमी की वजह से इलाज से दूर न रह जाए.

सरकार ने भी किया था सलाम, मिला पद्मश्री

उनकी इस निस्वार्थ सेवा को पूरे देश ने पहचाना. भारत सरकार ने साल 2020 में उन्हें देश के प्रतिष्ठित 'पद्मश्री' सम्मान से सम्मानित किया. यह सम्मान सिर्फ उनकी डॉक्टरी के लिए नहीं, बल्कि गरीबों के प्रति उनकी सच्ची सेवा और समर्पण के लिए था. वो सच में हजारों गरीब परिवारों के लिए किसी 'उम्मीद की आखिरी किरण' की तरह थे.

क्लिनिक नहीं, गरीबों का मंदिर था

जबलपुर के गोरखपुर इलाके में उनका क्लिनिक था, लेकिन लोग उसे किसी मंदिर से कम नहीं मानते थे. हर दिन सुबह से ही उनके घर के बाहर मरीजों की मीलों लंबी लाइनें लग जाती थीं. दूर-दूर से लोग इस उम्मीद में आते थे कि 'डॉक्टर साहब' के पास उनके दर्द का इलाज जरूर मिलेगा. वे न सिर्फ मरीजों की जांच करते थे, बल्कि अक्सर गरीब मरीजों की आर्थिक मदद भी कर देते थे.

आज उनके जाने से सिर्फ जबलपुर शहर ने ही नहीं, बल्कि समाज ने एक सच्चा सेवक खो दिया है. जो भी यह खबर सुन रहा है, उसकी आंखें नम हैं. लोग यही कह रहे हैं कि "डॉक्टर डाबर साहब जैसा दूसरा कोई नहीं हो सकता." वाकई, ऐसे मसीहा इस दुनिया में बहुत कम होते हैं.