मां गंगा की सफाई के लिए उत्‍तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक मोदी सरकार ने उठाया यह कदम

केंद्र सरकार ने मां गंगा को शुद्ध और निर्मल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है. पांच राज्यों से गुजरने वाली इस पवित्र नदी को स्वच्छ रखने के लिए इसके सहायक नदियों और धाराओं के साथ-साथ उन नालों की भी सफाई करने का निर्देश दिया है जिसका पानी गंगा नदी में गिरता है.

गंगा (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मां गंगा को शुद्ध और निर्मल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है. पांच राज्यों से गुजरने वाली इस पवित्र नदी को स्वच्छ रखने के लिए इसके सहायक नदियों और धाराओं के साथ-साथ उन नालों की भी सफाई करने का निर्देश दिया है जिसका पानी गंगा नदी में गिरता है.

केन्‍द्रीय गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों से गंगा नदी की सफाई और संरक्षण से जुड़ी परियोजनाओं की गहन, जिला स्‍तरीय निगरानी तथा समीक्षा करने का आह्वान किया है. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को समस्‍त धाराओं, सहायक नदियों और नालों की पहचान करने के लिए व्‍यापक सर्वेक्षण करने को कहा, जिनका पानी गंगा नदी में गिरता है. इसके साथ ही आवश्‍यक कदम उठाने के लिए भी कहा है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की जिला गंगा समितियों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि जितनी प्राथमिकता मुख्‍य नदी की सफाई को दी जाती है, उतनी ही प्राथमिकता प्रत्‍येक सहायक नदी एवं धारा के साथ-साथ उन नालों की भी सफाई करने को दी जानी चाहिए, जिनका पानी गंगा नदी में गिरता है.

इस मौके पर गडकरी ने नदी संरक्षण में जिला गंगा समितियों की महत्‍वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए पदाधिकारियों से अपने-अपने जिलों में सीवरेज से जुड़ी समस्‍त अवसंरचना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने, समस्‍याओं का पता लगाने और इसमें सुधार के लिए समयबद्ध कदम उठाने को कहा है.

गडकरी ने घरों को सीवेज नेटवर्कों से जोड़ने के कार्य में तेजी लाने पर भी विशेष बल दिया, ताकि सीवेज का शोधन संयंत्रों तक पहुंचना संभव हो सके और ये संयंत्र अपनी-अपनी निर्धारित क्षमताओं के अनुसार सही ढंग से संचालित किये जा सकें. उन्‍होंने जिला गंगा समितियों से संबंधित प्राधिकरणों के साथ समुचित सामंजस्‍य स्‍थापित करने और इस दिशा में आवश्‍यक कदम उठाने को कहा.

गौरतलब हो कि हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र, पौराणिक और धार्मिक नदी माना जाता है. भारतीय पौराणिक ग्रंथों, धार्मिक कथाओं में इसका विशेष स्थान रहा है. गंगा खुद में धर्म और करोड़ों लोगों का जीवन है. गंगा हर रूप में जीवन का दूसरा नाम है, ऐसे में गंगा का घटता जलस्तर और बढ़ता प्रदूषण सभी के लिए चिंता का विषय है.

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