लोकसभा चुनाव 2019: इलेक्शन से पहले मुंबई पुलिस ने कसी कमर, 5 हजार अपराधियों पर रखेगी नजर

लोकसभा चुनाव को लेकर मुंबई पुलिस ने ऐसे करीब 5000 हजार अपराधियों की सूची बनाई है, जो गिरफ्तारी के बाद इन दिनों जमानत पर चल रहें हैं. चुनाव के दौरान ये उपद्रव ना मचा सके. ऐसे अपराधियों पर मुंबई पुलिस खास तौर से नजर रखने वाली है.

मुंबई पुलिस (फाइल फोटो)

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में 6 लोकसभा सीटों (Lok Sabha seats) के लिए 29 अप्रैल को वोट डालें जाएंगे. इस बीच शहर में मतदान के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो सके मुंबई पुलिस ने कमर कस ली है. पुलिस सूत्रों की माने तो मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने ऐसे करीब 5000 हजार अपराधियों की सूची बनाई है, जो गिरफ्तारी के बाद इन दिनों जमानत पर चल रहें हैं. चुनाव के दौरान ये उपद्रव ना मचा सके. ऐसे अपराधियों पर मुंबई पुलिस खास तौर से नजर रखने वाली है.

पुलिस सूत्रों की माने तो ऐसे अपराधियों से चुनाव के दौरान नेता प्रचार के दौरान सेवाएं लेते है. ये दबंग अपराधी राजनेता के कहने पर दूसरे राजनेता या उसके कार्यकर्ताओं को धमकाते हैं. चुनाव के दौरान इस संभावित दहशत को खत्म करने के लिए पुलिस ऐसे अपराधियों पर पैनी नजर रखने वाली है. जरूरत पड़ने पर इनको प्रिवेंटिव एक्शन के तौर पर गिरफ्तार भी कर सकती है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र: सीएम देवेंद्र फडणवीस को फेसबुक पर मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी

जानें क्या होता है प्रिवेंटिव ऐक्शन

प्रिवेंटिव ऐक्शन के तहत पुलिस के पास कई ऐसे अधिकार हैं, जिनमें अदालत की इजाजत की जरूरत नहीं पड़ती.  ऐसे में जिस आरोपी पर पहले दो या उससे ज्यादा केस दर्ज हों, पुलिस सीआरपीसी के सेक्शन 56 के तहत अधिकतम तीन साल के लिए उसे तड़ीपार कर सकती है. वहीं किसी भी तरह के बॉडी ऑफेंस में दो से ज्यादा बार गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए आरोपी से चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था को खतरा लगता है तो पुलिस कमिश्नर को उसे एमपीडीए के तहत उसे जेल भेजने के भी अधिकार है. ऐसे अपराधियों को लेकर पुलिस को ये भी अधिकार है कि तीन-चार केसों में सजा काट चुके अपराधी को पुलिस मतदान से पहले सीआरपीसी के सेक्शन 151 (बी) के तहत ऐहतियातन फिर से अंदर कर सकती है.

अपराधियों से बांड भी भरवाती है

पुलिस इन अपराधियों से एहतियात के तौर पर जरूरत पड़ने पर सीआरपीसी के सेक्शन 107 और 110 के तहत बांड भरवाती है कि वे चुनाव के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं करेंगे. इसके बाद यदि वे किसी असामाजिक गतिविधि में लिप्त पाए गए, तो पुलिस फौरन उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज देती है.

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