Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सूरत के एक बीजेपी नेता को किया गिरफ्तार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले दो अखबारों की प्रसार संख्या में कथित अनियमितताओं एवं फर्जीवाड़े से जुड़े धनशोधन के एक मामले में सूरत के एक भाजपा नेता को गिरफ्तार किया है।

प्रवर्तन निदेशालय (Photo Credits: Twitter)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले दो अखबारों की प्रसार संख्या में कथित अनियमितताओं एवं फर्जीवाड़े से जुड़े धनशोधन के एक मामले में सूरत के एक भाजपा नेता को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि संकेत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पी वी एस शर्मा को ‘धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित’ मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया. एजेंसी के अनुसार अहमदाबाद की एक अदालत ने शर्मा को दो दिसंबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.

निदेशालय ने कहा कि गुजरात पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद उसने शर्मा, उनकी मीडिया कंपनी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। आयकर विभाग ने उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी के अनुसार, संकेत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड गुजराती और अंग्रेजी में ‘सत्यम टाइम्स’ अखबार निकालता है. ईडी ने एक बयान में बताया कि जांच में पाया गया कि रोजाना गुजराती अखबार की प्रसार संख्या 23500 और अंग्रेजी अखबार की प्रसार संख्या 6000-6300 दर्शायी गयी जबकि गुजराती अखबार की वास्तविक प्रसार संख्या प्रतिदिन 300-600 प्रतियां और अंग्रेजी अखबार की 0-290 प्रतियां ही थीं. यह भी पढ़े: Money Laundering Case: रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने 8 घंटे से ज्यादा समय तक की पूछताछ, सोमवार को दोबारा होंगे पेश

उसने दावा किया कि प्रसार संबंधी ये आंकड़े विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय एवं अन्य सरकारी एवं निजी एजेंसियों को विज्ञापन के वास्ते आकर्षित करने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश किये गये. ईडी ने कहा कि शर्मा ने अपनी मीडिया कंपनी के जरिए हेराफेरी की और उन्होंने 2.70 करोड़ रूपये विज्ञापन हासिल किये. ईडी ने कहा, ‘‘ उसके लिए फर्जी कंपनियों से कच्चे माले की फर्जी खरीदारी लेखा पुस्तिका में गलत प्रविष्टियां कर दिखायी गयीं। इस सिलसिले में फर्जी दस्तावेजों को असली के रूप में दिखाया गया.’’ आयकर विभाग ने कथित कर चोरी के आरोपों में अक्टूबर में शर्मा के परिसरों पर छापा मारा था.

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