किसानों के लिए मोदी सरकार करेगी बडे़ पैकेज की घोषणा, कृषि राज्य मंत्री बोले- लंबे समय तक नहीं करना होगा इंतजार
किसानों के लिए प्रस्तावित पैकेज के बारे में पूछे जाने पर रूपाला ने कहा कि आपको लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द ही एक पैकेज (Package) की घोषणा कर सकती है. दरअसल, खेती बाड़ी के क्षेत्र में तमाम मुश्किलों और परेशानियों को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग उपायों पर विचार किए जाने की अटकलों के बीच कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला (Parshottam Rupala) ने गुरुवार को कहा कि सरकार जल्द ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक पैकेज की घोषणा करेगी. हालांकि, मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या यह राहत पैकेज एक फरवरी को पेश होने वाले बजट (Budget) का हिस्सा होगा या इससे पहले इसकी घोषणा की जाएगी.
रुपाला ने कृषि मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्रालय को वर्ष 2019-20 के बजट के लिए भेजे गए सुझावों को साझा करने से भी इनकार कर दिया. किसानों के लिए प्रस्तावित पैकेज के बारे में पूछे जाने पर रुपाला ने कहा कि आपको लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों ने इससे पहले कहा था कि सरकार समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज पूरी तरह माफ कर सकती है, इससे सरकारी खजाने पर 15,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त बोझ आएगा. खाद्यान्न वाली फसलों के लिए बीमा पॉलिसी पर प्रीमियम को पूरी माफ करने का भी प्रस्ताव है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी एनडीए, यूपीए रहेगी 170 के नीचे- सर्वे
केंद्र तेलंगाना और ओडिशा सरकारों द्वारा लागू की जा रही योजना का मूल्यांकन भी कर रहा है जिसमें किसानों के खाते में एक निश्चित राशि सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है. इससे पहले, कृषि ज़ैद / ग्रीष्मकालीन अभियान 2019 पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि सरकार रबी और खरीफ मौसम के बीच होने वाली खेती के रकबे को बढ़ाने पर भी गौर कर रही है ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है.
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में ग्रीष्मकालीन फसल सत्र में खेती का रकबा लगभग 45 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 20 लाख हेक्टेयर में धान लगाया जाता है. इस सत्र में चावल का उत्पादन 20 लाख हेक्टेयर से लगभग 45 लाख टन का रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार गैर-धान फसलों जैसे दलहन, मोटे अनाज और तिलहन का रकबा 25 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 50 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे गर्मी के मौसम में कुल खेती का रकबा 70 लाख हेक्टेयर हो जाएगा. यह भी पढ़ें- नोट पहचानने में अब नहीं होगी दिक्कत, IIT स्टूडेंट्स ने बनाया ऐसा ऐप जो 9 सेकेंड में देगा सारी जानकारी
कृषि आयुक्त एस. के. मल्होत्रा ने कहा कि हम धान फसल के रकबे को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि इसमें अधिक पानी की आवश्यकता होती है. आयुक्त ने कहा कि अगर खेती के रकबे में लक्षित वृद्धि को हासिल किया जाए तो गर्मी के मौसम में गैर-धान फसलों का उत्पादन दोगुना होकर 50 लाख टन हो सकता है.
भाषा इनपुट