इंफाल: मणिपुर (Manipur) में हालात फिर बिगड़ चुके हैं. मणिपुर गुरुवार को फिर हिंसक प्रदर्शन हुआ, इस दौरान पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प की ख़बरें भी आई. प्रदर्शनकारियों ने सीएम आवास पर आगजनी की कोशिश की. इंफाल घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N Biren Singh) के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की. सुरक्षा बलों ने हालांकि, हवा में गोलीबारी करके इस प्रयास को विफल कर दिया. सीएम राज्य की राजधानी के मध्य में एक अलग आधिकारिक आवास में रहते हैं. मणिपुर में फिर क्यों बिगड़ रहे हैं हालात; कुछ इलाकों को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA; जानें क्या हैं इसके मायने.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमले की कोशिश की गई. सुरक्षा बलों ने भीड़ को आवास से लगभग 100-150 मीटर पहले ही रोक दिया.’’ अधिकारी ने कहा कि अब इस आवास में कोई नहीं रहता है, हालांकि उसकी चौबीसों घंटे सुरक्षा की जाती है.
देखें Video:
BIG BREAKING:#Manipur CM N Biren Singh's residence was attacked by a mob in Imphal.
Forces retaliated with tear gas shells. Live rounds allegedly fired. It’s still happening right now.
No TV channel will share this & they won't report this otherwise BJP will be exposed.
Very… pic.twitter.com/XqX5AjOuUh
— Amock (@Politics_2022_) September 28, 2023
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘लोगों के दो समूह अलग-अलग दिशाओं से आये और मुख्यमंत्री के पैतृक आवास के निकट पहुंचे लेकिन उन्हें रोक दिया गया.’’ उन्होंने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आरएएफ और राज्य पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पास की सड़क के बीचों-बीच टायर भी जलाये.
दो युवकों की मौत को लेकर हंगामा
मणिपुर में दो युवकों की मौत को लेकर छात्रों ने मंगलवार और बुधवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था. भीड़ ने गरुवार को तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी तोड़फोड़ की थी और दो चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी थी. बुधवार को दो जिलों इंफाल पूर्व और पश्चिम में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया था और झड़प में मंगलवार से 65 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं.
जुलाई में लापता हुए दो लोगों- एक पुरुष और एक लड़की के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य की राजधानी में हिंसा की एक नई घटना हुई थी.
मणिपुर में तीन मई से जारी है हिंसा
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.