महाराष्ट्र में 'शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना' होगी लागू, 3 साल में 10 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च, उद्धव सरकार आज लगा सकती है मुहर
महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार 'शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना' को लागू करने की की योजना बना रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम की यह योजना मनरेगा (National Rural Employment Guarantee Scheme) के संयोजन में शुरू की जा सकती है.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार 'शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना' को लागू करने की की योजना बना रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम की यह योजना मनरेगा (National Rural Employment Guarantee Scheme) के संयोजन में शुरू की जा सकती है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाली एमवीए (Maha Vikas Aghadi) सरकार बुधवार दोपहर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना पर फैसला लेने वाली है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया
मिली जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित महत्वाकांक्षी 'शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना' के कार्यान्वयन के लिए रोजगार गारंटी विभाग नोडल विभाग होगा. महाराष्ट्र सरकार का दावा है कि इसके लागू होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आयेगा, ग्रामीण लोग सशक्त बनेंगे. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी विभाजन को पाटना भी है. इस योजना के तहत 1 लाख किलोमीटर सड़कें तैयार की जाएँगी, जो खेतों को जोड़ेगी. इससे खेतों तक पहुंच बेहतर होगी और रोजगार भी मिलेगा. इसके अलावा, योजना के तहत तालाब और अस्तबल का निर्माण भी करवाया जायेगा. शरद पवार ग्रामीण समृद्धि योजना पर अगले तीन वर्षों में 10,0000 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है.
नवंबर तक महाराष्ट्र में लगभग 6.46 लाख कार्य मनरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) योजना के अंतर्गत हैं, जिनमें से 4.77 कार्य पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ रहे है, जबकि अब तक 1.68 लाख कार्य पूरे हो गए है. महाराष्ट्र में मनरेगा योजना के तहत 6.10 लाख से अधिक श्रमिक रजिस्टर्ड है.