कहते हैं जहां चाह है वहां राह है, इस बात को सच कर दिखाया है, महाराष्ट्र, लातुर जिले के एक युवक ने. कोरोना वायरस के संकट काल में युवक का रोज़गार छिन गया. लेकिन युवक ने लॉकडाउन में ही अपनी राह बना ली. खास बात यह है कि अपने नए रोजगार में इन्होंने टेक्नोलॉजी को अपनाया और तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए. हम बात कर रहे हैं लातुर के दत्तात्रेय लोमटे की, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान ही ऑनलाइन कारोबार शुरू किया. वो भी सब्जी बेचने का.
दरअसल लातुर के दत्तात्रेय लोमटे एक दवा कंपनी में काम करते थे, लॉकडाउन में आ रही दिक्कत से उनकी नौकरी चली गई. अब दत्तात्रय ने दूसरी नौकरी खोजने के बजाय खुद का काम शुरू करने की ठानी. इसके बाद उन्होंने अपने आस-पास किसानों की उग रही सब्जियों और फलों की ऑनलाइन बेच कर आत्मनिर्भर बनने का निश्चय किया. इसके लिए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को भी साथ काम करने के लिए राजी कर लिया. लोमटे ने लोगों से ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू किया और अब उनका व्यवसाय चल पड़ा.
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लोमटे बताते हैं कि नौकरी जाने के बाद निराश हुए थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और साथियों के साथ मिलकर स्मॉल बास्केट नाम से ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू किया. उन्होंने बताया कि सभी साथी मिलकर अलग-अलग गांव से ताजी सब्जी और फल लाते हैं और शहरों में सीधे घरों तक पहुंचाते हैं.
ताजी सब्जियों और फलों की डिजिटल माध्यम से डोर-टू-डोर आपूर्ति होने से लोग भी काफी खुश हैं, क्योंकि उन्हें घर से बाहर निकल कर सब्जी लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है. लॉकडाउन के संकट में लोमटे जैसे कई युवा अपनी लगन और आइडिया से न सिर्फ नई संभावना तलाश रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी राहें खोल रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भी देश को नया आकार देने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया है.