रांची, 24 अप्रैल: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अवैध भूमि सौदों में धनशोधन की जांच के सिलसिले में सोमवार को झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ईडी के सूत्रों ने कहा कि रंजन को एक मई को फिर से एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. यह भी पढ़ें: Naroda Gam Riot Case: SIT आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को उच्च न्यायालय में देगी चुनौती
2011 बैच के आईएएस अधिकारी रंजन वर्तमान में राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह राज्य की राजधानी के हिनू क्षेत्र स्थित ईडी कार्यालय में अपने आधिकारिक वाहन से सुबह करीब 10.30 बजे पहुंचे और रात 8.30 बजे निकले.
सूत्रों ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आईएएस अधिकारी का बयान दर्ज किया. एजेंसी ने रंजन से 13 अप्रैल को भी पूछताछ की थी, जब इस मामले में उनके और झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में कुछ अन्य के परिसरों में छापे मारे गए थे. ईडी ने इन छापेमारी के बाद झारखंड सरकार के एक अधिकारी समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था.
ईडी के सूत्रों ने कहा कि कोलकाता स्थित पश्चिम बंगाल सरकार के एक सहायक रजिस्ट्रार (आश्वस्ति) को भी दो मई को गवाही देने के लिए कहा गया है. संघीय एजेंसी रक्षा भूमि से संबंधित एक मामले सहित एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि इस धोखाधड़ी के तहत गरीबों और दलितों की जमीनों को हड़प लिया गया. पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू करने के लिए, संघीय एजेंसी ने रांची में अधिकारियों द्वारा दर्ज कुछ व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों की जालसाजी से संबंधित पुलिस प्राथमिकी का संज्ञान लिया.
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने तलाशी के दौरान कई फर्जी मुहरें, जमीन के कागजात और रजिस्ट्री दस्तावेज बरामद किए हैं.
यह दूसरा मामला है जिसमें झारखंड कैडर का कोई आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आया है. पिछले साल इसने आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू के निजी सचिव उदय शंकर सिंह को भी सोमवार शाम ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए लाया गया. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को तलाशी अभियान के दौरान उनके घर से बरामद एक प्रिंटर और कुछ अन्य दस्तावेज एजेंसी के कार्यालय में लाए गए हैं.
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