Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा की बढ़ेगी मुश्किल? SC की कमिटी की रिपोर्ट में बेल को लेकर किया गया अहम दावा

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Case) मामले में आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकतीहैं. मामले में सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि SIT ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को दो बार सिफारिश भेजी थी.

आशीष मिश्रा (Photo Credits: ANI)

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Case) मामले में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की मुश्किलें बढ़ सकतीहैं. मामले में सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त कमेटी ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि SIT ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को दो बार सिफारिश भेजी थी. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सबूतों से पुष्टि होती है कि आशीष मिश्रा मौके पर था, उसे घटना के दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मार्ग में बदलाव के बारे में भी जानकारी थी.

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर किसानों को अपनी जीप से कुचलने का आरोप है. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में उत्तर प्रदेश SIT ने 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी और आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया था. एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था. मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी में आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी.

लखीमपुर हिंसा का ये था मामला

मामला 3 अक्टूबर 2021 का है. किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. लखीमपुर खीरी में भी प्रदर्शन चल रहा था. इसी बीच तिकुनिया इलाके में कुश्ती के कार्यक्रम में सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पहुंचना था. विरोध कर रहे किसानों ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला. उसी दौरान आशीष मिश्रा के साथ किसानों की झड़प हुई और किसान आगे बढ़े, लेकिन जब तिकुनिया इलाके में किसानों का मार्च आगे बढ़ा, तभी पीछे से तेज रफ्तार गाड़ी ने कई किसानों को कुचल दिया था.

इसका आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा. गाड़ी से रौंदे जाने के बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी. गाड़ी से रौंदे जाने और किसानों द्वारा आरोपियों पर किए गए हमले में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी.

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