बेंगलुरु, 18 नवंबर: कर्नाटक (Karnataka) उच्च न्यायालय ने राज्य के मौजूदा और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामले वापस लेने के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने बुधवार को रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह विशेष अदालत से जन प्रतिनिधियों के लिए जानकारी प्राप्त करें कि 16 सितंबर, 2020 से मौजूदा और पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ कितने मामले वापस लिए गए हैं. कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला- मुस्लिम निकाह एक अनुबंध है और यह हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं है
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौजूदा और पूर्व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की गई जनहित याचिका पर गौर किया. एमिकस क्यूरी (कोई व्यक्ति जो किसी मामले में पक्षकार नहीं है, मामले में मुद्दों पर असर डालने वाली जानकारी, अंतर्²ष्टि प्रदान करके अदालत की सहायता करता है) आदित्य सोंधी ने पीठ को बताया कि, उच्च न्यायालय ने 26 अगस्त को सरकार को विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया था.
इसी तरह सुप्रीम कोर्ट ने भी रजिस्ट्रार जनरल को 16 सितंबर, 2020 के बाद विधायकों और सांसदों के खिलाफ लंबित मामलों की जानकारी विशेष अदालत से प्राप्त करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद हाईकोर्ट की बेंच ने राज्य में नेताओं के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों के लंबित और वापस लेने के संबंध में जानकारी एकत्र करने का निर्देश पारित किया. अदालत ने मामले को 17 जनवरी, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है.