आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- घुसपैठ का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम भारतीय सेना, हर दुस्साहस से कड़े तौर पर निपटा जाएगा
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और घुसपैठ का जवाब देने में सक्षम है. भारतीय सेना अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम है. इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि भारत के खिलाफ किसी भी दुस्साहस से कड़े तौर पर निपटा जाएगा.
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ की खबरों का खंडन किया. जनरल रावत का यह बयान इन रिपोर्टों के बीच आया है कि चीनी जवानों ने छह जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिवस के मौके पर कुछ तिब्बतियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराए जाने के बाद पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार की. सैन्य प्रमुख ने कहा, 'चीनी अपनी मानी जाने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आते हैं और गश्त करते हैं... हम उन्हें रोकते हैं. कई बार स्थानीय स्तर पर जश्न समारोह होते हैं.
आर्मी चीफ ने कहा डेमचोक सेक्टर में हमारी ओर तिब्बती जश्न मना रहे थे. इसके आधार पर, कुछ चीनी यह देखने आए कि क्या हो रहा है, लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई. सब सामान्य है.' जनरल रावत ने कहा एलएसी को लेकर चीन और हमारी अपनी-अपनी धारणाएं हैं. इनमें अंतर है. इसलिए दोनों तरफ की पेट्रोलिंग पार्टी एक-दूसरे की तरफ रुख करती रहती हैं.
हर दुस्साहस से कड़े तौर पर निपटा जाएगा
इस दौरान बिपिन रावत ने पाकिस्तान सेना पर भी सवाल उठाए. जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ बार बार हिमाकत करता है. पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रखा है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और घुसपैठ का जवाब देने में सक्षम है. भारतीय सेना अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम है. इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि भारत के खिलाफ किसी भी दुस्साहस से कड़े तौर पर निपटा जाएगा.
जनरल रावत ने 'कारगिल युद्ध के 20 साल बाद' पर हुए एक सेमिनार में ये बात कही. उन्होंने कहा कि तमाम कठिनाइयों और विपरीत हालातों के भारत ने शानदार जीत हासिल की थी. बहादुर सेना और राष्ट्र को इस पर गर्व है.
बिपिन रावत ने आगे कहा कि भविष्य में होने वाले युद्ध और अधिक हिंसक हो जाएंगे जहां मानव कारक का महत्व कम रह जाएगा. हमारे सैनिक हमारी प्राथमिक संपत्ति हैं और रहेंगे. आर्मी चीफ ने कहा कि भविष्य में होने वाले युद्ध तकनीकी युद्ध होंगे जिनसे व्यापक स्तर पर तबाही हो सकती है.