Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: चुनाव व्यय पर्यवेक्षक ने सुरनकोट और मेंढर विधानसभा क्षेत्रों का किया दौरा
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर चुनाव आयोग सक्रिय है. इसी कड़ी में चुनाव व्यय पर्यवेक्षक भरत रामचन्द्र अंधाले ने आज पुंछ जिले के मेंढर और सुरनकोट विधानसभा क्षेत्रों में रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालयों और स्ट्रॉन्ग रूम में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की.
पुंछ, 31 अगस्त : जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर चुनाव आयोग सक्रिय है. इसी कड़ी में चुनाव व्यय पर्यवेक्षक भरत रामचन्द्र अंधाले ने आज पुंछ जिले के मेंढर और सुरनकोट विधानसभा क्षेत्रों में रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालयों और स्ट्रॉन्ग रूम में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की.
यह समीक्षा चुनाव नियमों के सख्त अनुपालन को लागू करने और किसी भी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए भारत के चुनाव आयोग की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. पर्यवेक्षक ने दोनों स्थानों पर स्थापित सीसीटीवी कैमरों की कार्यक्षमता और कवरेज पर ध्यान केंद्रित करते हुए निगरानी बुनियादी ढांचे का निरीक्षण किया, जहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों सहित चुनाव सामग्री सुरक्षित रखे गए हैं. निरीक्षण के दौरान, पर्यवेक्षक ने इन सुविधाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सुरक्षा कर्मियों की तत्परता और उनकी तैनाती की भी समीक्षा की. यह भी पढ़ें : ममता बनर्जी के पत्र पर मोदी सरकार ने किया पलटवार! रेप केस में ‘FTSCs को चालू करने में विफल रहा बंगाल’
उन्होंने विशेष रूप से मतपत्र भंडारण और परिवहन की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने के महत्व पर विशेष जोर दिया. साथ ही पर्यवेक्षक ने परिसर में रखी गई लॉगबुक की भी समीक्षा की. समीक्षा का एक महत्वपूर्ण फोकस स्ट्रांग रूम सीलिंग प्रक्रिया पर था, जहां ईवीएम और वीवीपैट रखे गए हैं. बैठक से इतर पर्यवेक्षक ने मौजूदा सुरक्षा उपायों को और बढ़ाने पर जोर दिया और रिटर्निंग अधिकारियों को निगरानी प्रणालियों का नियमित ऑडिट करने और किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना मिलने पर बिना किसी देरी के सुरक्षा कर्मियों के साथ निरंतर संचार बनाए रखने का निर्देश दिया.
इसके अलावा, पर्यवेक्षक ने मजबूत सुरक्षा उपायों के संबंध में जन जागरूकता के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम है. मालूम हो कि, चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है. 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.