जम्मू-कश्मीर प्रशासन एसओजी, बीडीएस और पुलिस को देगा सुरक्षा भत्ता

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और राज्य पुलिस कर्मियों को सुरक्षा भत्ता देने का फैसला किया है. 1 नवंबर को जारी एक हालिया आदेश में, एसओजी, बीडीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के लड़ाकू परिचालन कर्मियों को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि नन-कॉम्बेंट कर्मियों को 12.5 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

भारतीय सेना (Photo: PTI)

नई दिल्ली, 6 नवंबर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) प्रशासन ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और राज्य पुलिस कर्मियों को सुरक्षा भत्ता देने का फैसला किया है. 1 नवंबर को जारी एक हालिया आदेश में, एसओजी, बीडीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के लड़ाकू परिचालन कर्मियों को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि नन-कॉम्बेंट कर्मियों को 12.5 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. आदेश में यह भी कहा गया है कि एसओजी और बीडीएस को हार्डशिप भत्ता भी वही होगा, जो अन्य पुलिस कर्मियों को दिया जाता है. जम्मू-कश्मीर के राजौरी में फंसे आतंकवादियों के लिए तलाशी अभियान जारी

एक अधिकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार का यह कदम 23 अक्टूबर को श्रीनगर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद आया है. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में व्याप्त सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. 23 अक्टूबर को उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, शाह ने घाटी में आतंकवादी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के अलावा, राज्य के अधिकारियों को केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय अन्य केंद्रीय बलों के समान कुछ सुविधाएं प्रदान करके सुरक्षा कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए कदम उठाने के लिए भी कहा है.

सुरक्षा बैठक के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह, बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के डीजी एमए गणपति, जम्मू-कश्मीर के पुलिस डीजी दिलबाग सिंह, सेना के कमांडरों और अन्य अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई की एक विस्तृत रणनीति तैयार की. हाल ही में घाटी में नागरिकों की हत्याओं की घटना बढ़ी है. जम्मू-कश्मीर के महानिदेशक ने हाल ही में कश्मीर में अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने वाले आतंकी हमलों पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्हें रोकने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ सुरक्षा उपाय भी शामिल थे.

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