पीएम मोदी के जीत के लिए जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद ने पत्र लिखकर दी बधाई, कहा- उम्मीद है NDA सरकार मुसलमानों के विकास पर देगी ध्यान
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को प्रचंड मतों से जीत मिली है. इस जीत को लेकर पीएम मोदी को देश विदेश से अब तक बधाई आ चुके है. वहीं मुस्लिम संगठनों में जमीयत-ए-उलेमा ने भी पीएम मोदी को इस चुनाव में जीत को लेकर बधाई दी है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को प्रचंड मतों से जीत मिली है. इस जीत को लेकर पीएम मोदी को देश- विदेश से अब तक बधाई आ चुके हैं. वहीं मुस्लिम संगठनों में जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने भी प्रधानमंत्री को इस जीत को लेकर लेकर एक पत्र लिखा गया है. इस पत्र में जमीयत-ए-उलेमा की तरफ से पीएम मोदी (PM Modi) को बधाई देते हुए कहा गया है कि मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार से उम्मीद है कि वह मुसलमानों के विकास और उनकी शिक्षा और रोजगार पर विशेष रूप धयान देगी.
यह पत्र जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी (Moulana Mehmood Madani) की तरफ से लिखा गया है. इस पत्र में मुसलमानों के विकास के बारे में तो लिखा ही गया है. इसके साथ पत्र में यह भी लिखा गया है कि "अल्पसंख्यकों के विकास को लेकर दिए गए आपके हालिया बयान, जिसमें आपने मुसलमनों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने की बजाय उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की बात कही, वो सही वक्त पर आया है और मुबारकबाद के काबिल है. हम उम्मीद करते हैं कि ये पूरी ईमानदारी और मुस्तैदी के साथ लागू की जाएगी." यह भी पढ़े: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फोन पर की पीएम मोदी से बात, मिलकर काम करने की इच्छा जताई
महमूद मदनी ने पीएम मोदी के उस भाषण की भी सरहना की है. जिस भाषण को लेकर उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार मुसलमानों के हालात को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री के संदेश को पूरे देश में ईमानदारी और मुस्तैदी के साथ लागू करेगी. बता दें कि शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सांसदों को संबोधित के दौरान उन्होंने सलाह दी थी कि वो 'काल्पनिक डर' के साए में जी रहे अल्पसंख्यकों तक पहुंच बनाएं.
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 542 लोकसभा सीटों में 303 सीटों पर जीत हासिल की. एनडीए की बात करें तो उसे 353 सीटों पर जीत मिली है. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली है और वह महज 52 सीटों पर सिमट कर रह गई है. जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में उम्मीद लगाए हुए थी कि पार्टी इस चुनाव में पिछले चुनाव से अच्छा प्रदर्शन करेगी.