जानिए कैसे राजेंद्र सदाशिव निखलजे बना अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन?
छोटा राजन का टिकट ब्लैकियर से दाऊद से दुश्मनी तक का पूरा सफर
मुंबई के उपनगर पवई में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के करीब सात साल बाद आज विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को दोषी पाया है. फिलहाल राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण कर भारत लाए गए राजन की अंडरवर्ल्ड में एंट्री की कहानी बहुत ही दिलचस्प है.
'छोटा राजन' नाम कैसे मिला-
वर्ष 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में जन्मे छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है. राजेंद्र ने महज 10 साल की उम्र में फिल्म टिकट ब्लैक में बेचना शुरू किया. इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया. उस वक्त गैंग के मुखिया राजन को 'बड़ा राजन' के नाम से पहचाना जाता था. आगे चलकर राजेंद्र राजन नायर का दाहिना हाथ बना, इसलिए लोग इसे 'छोटा राजन' कहने लगे.
दाऊद-राजन की दोस्ती-
गैंग के मुखिया राजन नायर उर्फ़ बड़ा राजन की मौत होने के बाद छोटा राजन ने पूरे गैंग की जिम्मेदारी अपने हाथों में लें ली. इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी छोटा राजन के संपर्क में आया. दोनों एक साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फिल्म फाइनेंस का काम करने लगे. छोटा राजन वर्ष 1988 में दुबई गया, जहा दोनों की दोस्ती और गहरा गई. इसके बाद तो मानों भारत में जुर्म की दुनिया में दाऊद और राजन का मिलकर राज चलने लगा. दोनों फिर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गैर-कानूनी काम करने लगे.
दोस्ती के बाद दाऊद से हुई दुश्मनी-
खबरों की मानें तो लंबे समय तक डी कंपनी के साथ काम करने के बाद दाऊद-राजन की दोस्ती गई. बताया जाता है कि बाबरी कांड के बाद 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया. जब उसे पता चला कि इस ब्लास्ट में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दु्श्मन बन बैठा और खुद को डी कंपनी से अलग करके नया गैंग बनाया. मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद और राजन ने भारत छोड़ दिया.
मर्डर करवाने के लिए भेजे शूटर-
वर्षों साथ काम करने के बाद दोनों एक दूसरे के जानी-दुश्मन बन बैठे. भारत छोड़ने के बाद भी दोनों एक-दूसरे को मारने की योजना तैयार करने में जुट गए. एकबार राजन पर हमले की बड़ी साजिश दुबई में दाऊद के खास शूटर शरद शेट्टी के घर में रची गई. साल 2000 में पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए दाऊद के शूटरों ने बैंकॉक के एक होटल में राजन पर हमला किया लेकिन वह बच निकला था.
आज भी छोटा राजन को जेल में ही जान से मारने की धमकी मिलती है. तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी. पुलिस के मुताबिक, छोटा राजन को जान से मारने की धमकी तिहाड़ जेल के लैंडलाइन नंबर पर फोन से दी गई. साथ ही जेल में नियुक्त लॉ ऑफिसर के मोबाइल फोन पर एसएमएस भी भेजा गया था. अधिकारियों का कहना है कि यह धमकी डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गे छोटा शकील की ओर से दी जा रही है.