रिजर्व बैंक ने आम आदमी को दी राहत, लगातार दूसरी बार नहीं बढ़ाया रेपो रेट

रिजर्व बैंक ने 2019- 20 में आर्थिक वृद्धि दर के पांच प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बनाये रखा. उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि 2020-21 में सुधरकर छह प्रतिशत हो सकती है. उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर अभी भी अपनी संभावित क्षमता से कम है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Photo Credits: PTI)

Repo Rate Unchanged: रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा. लगातार दूसरी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा गया है. रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की बृहस्पतिवार को घोषणा करते हुए कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाये रखेगा. रिजर्व बैंक ने 2019- 20 में आर्थिक वृद्धि दर के पांच प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बनाये रखा. उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि 2020-21 में सुधरकर छह प्रतिशत हो सकती है. उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर अभी भी अपनी संभावित क्षमता से कम है.

उसने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं. जिन चुनिंदा संकेतकों में हालिया समय में सुधार देखने को मिला है, व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी शेष है. वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिये.’’

उसने कहा कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है. उसने मुद्रास्फीति के परिदृश्य को बेहद अनिश्चित बताया. रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी.

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