PM Kisan Yojana: खुशखबरी! 5 अक्टूबर को जारी होने जा रही है पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त, दिवाली से पहले अन्नदाताओं को मोदी सरकार का तोहफा
देश भर के करोड़ों किसानों को दिवाली से पहले तोहफा मिलने वाला है. मोदी सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त दो दिन बाद यानी 5 अक्टूबर को जारी करने जा रही है.
PM Kisan Yojana: देश भर के करोड़ों किसानों को दिवाली से पहले तोहफा मिलने वाला है. मोदी सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त दो दिन बाद यानी 5 अक्टूबर को जारी करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (5 अक्तूबर 2024) को महाराष्ट्र के वाशिम के दौरे पर होंगे. जहां से वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे. डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में 18वीं किस्त के रूप में 2000-2000 हजार रुपये भेजे जाएंगे.
ऐसे में इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को e-kyc प्रोसेस पूरा करना होगा. अगर आपके e-kyc नहीं कराई है तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिले. ऐसे में आपके पास अभी भी समाया है आप इस योजना का लाभ पाने के लिए आप अपना e-kyc कर सकते हैं. यह भी पढ़े: PM Kisan Yojana: दिवाली से पहले किसानों को तोहफा! 5 अक्टूबर को मोदी सरकार जारी करने जा रही है 18वीं किस्त
2 फरवरी, 2019 को शुरू हुई यह योजना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2 फरवरी, 2019 को किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) शुरू की. यह योजना देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय सहायता सुनिश्चित करने और उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और टिकाऊ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी.
हर 4 महीने में मिलते हैं 2,000 रुपये:
बता दें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है. योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये का लाभ प्रदान किया जाता है.
डायरेक्ट खाते में आते हैं पैसे:
इस योजना के तहत आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करके प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के जरिए लाभ राशि सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है. केंद्र सरकार इस योजना के लिए 100 प्रतिशत धन मुहैया कराती है. योजना की समावेशी प्रकृति को रेखांकित करने वाली बात यह है कि चार लाभार्थियों में से कम से कम एक महिला किसान है. इसके अलावा, 85 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसान इस योजना के तहत लाभार्थी हैं.