EPFO: देश के संगठित क्षेत्रों में बढ़ रही नौकरियां, ईपीएफओ ने जोड़े 16 लाख से अधिक कर्मचारी

श्रम मंत्रालय के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले साल इसी माह की तुलना से 16.5 फीसदी ज्यादा है. जबकि अक्‍टूबर 2022 की तुलना में 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है.

ईपीएफओ (Photo Credits: Twitter)

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नवंबर 2022 में 16.26 लाख शुद्ध सदस्‍य जोड़े हैं. यह जानकारी केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने दी है. श्रम मंत्रालय के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले साल इसी माह की तुलना से 16.5 फीसदी ज्यादा है. जबकि अक्‍टूबर 2022 की तुलना में 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है. इन आकड़ों से पता चलता है कि देश में संगठित क्षेत्र में नौकरियां बढ़ रही है. मंत्रालय के कहा कि इन 16 लाख सदस्यों में से लगभग 9 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं. Railway Budget 2023: मोदी सरकार का तोहफा! अगले तीन साल में 35 नई हाइड्रोजन और 500 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना

EPFO से सबसे अधिक जुड़े युवा वर्ग

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाले लगभग 9 लाख सदस्यों में से सबसे अधिक युवा - वर्ग के लोग है. नये सदस्‍यों में 18 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्‍या 2.77 लाख है कि जो कि सबसे ज्‍यादा है. नवंबर माह के दौरान कुल नए सदस्यों में 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के सदस्यों की संख्या 56.60% है. इसके बाद EPFO ने 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में 2.32 लाख सदस्य जोड़े हैं. इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले लोग बड़े पैमाने पर देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं.

पिछले साल की तुलना में EPFO में महिलाओं की संख्या में वृद्धि

EPFO के अन्तर्गत नवंबर 2022 में शुद्ध 3.19 लाख महिला सदस्यों का जोड़ा गया है. जबकि पिछले वर्ष महिला सदस्यों की इसी माह की तुलना में संगठित कार्यबल में महिलाओं की शुद्ध सदस्यता में 7.90 फीसदी की वृद्धि हुई है. हांलाकि पिछले महीने की तुलना में अक्टूबर 2022 में शुद्ध महिला सदस्य की संख्या 2.63 लाख से लगभग 0.56 लाख बढ़ी है. इनमें से 1.91 लाख महिलाएं पहली बार ईपीएफओ से जुड़ीं है.

श्रम मंत्रालय के पेरोल डेटा के अनुसार लगभग 11.21 लाख सदस्य ईपीएफओ सदस्यता में फिर से जुड़े हैं मतलब कि इन लोगों ने नौकरी बदलने के बाद भी ईपीएफओ के तहत शामिल कंपनियों या प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए हैं. इससे उन लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार हुआ है.

श्रम मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, राज्य-वार EPFO में माह-दर-माह बढ़ती संख्या में गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों में वृद्धि हुई है. इन राज्यों ने मिलकर नवंबर माह के दौरान कुल 58.23 फीसदी शुद्ध सदस्य जोड़ा है. सभी राज्यों में नवंबर महीने में कुल 20 फीसदी सदस्य जोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है. जबकि तमिलनाडु राज्य 10.91 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है.

EPFO क्या है

ईपीएफओ संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने वाला प्रमुख संगठन है. कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत ईपीएफओ को गठित किया गया था. ईपीएफओ के आंकड़ों में निजी और सरकारी दोनों रोजगार शामिल होते हैं. EPFO का पूरा नाम कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है. यह भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा संगठन है. इसके तहत भारत के कर्मचारियों को भविष्य निधि,पेंशन और बीमा आदि की सुरक्षा प्रदान की जाती है.

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