IRCTC पर ऐसे बुक करें कन्फर्म तत्काल टिकट
छुट्टियों और त्योहारों के वक्त ट्रेन में कन्फर्म टिकट का मिलना बहुत बड़ी बात मानी जाती है. जीन लोगों को टिकट नहीं मिल पता उनके पास एकमात्र उपाय तत्काल टिकट बचता है, जो कि ट्रेन छुटने के 24 घंटे पहलें मिलता है. लेकिन तत्काल टिकट भी बहुत कम लोगों को नसीब हो पता है.
नई दिल्ली: छुट्टियों और त्योहारों के वक्त ट्रेन में कन्फर्म टिकट का मिलना बहुत बड़ी बात मानी जाती है. जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पता उनके पास एकमात्र उपाय तत्काल टिकट बचता है, जो कि ट्रेन छुटने के 24 घंटे पहलें मिलता है. लेकिन तत्काल टिकट भी बहुत कम लोगों को नसीब हो पता है. इसदौरान सॉफ्टवेयर और अधिकारियों से साठगांठ कर दलाल लोगों से मनचाही रकम लेकर उन्हें टिकट देते है.
जानकारों की मानें तो आईआरसीटीसी (रेलवे केटरिंग एण्ड टुरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड) पर ट्रेन का टिकट बुक करते समय सबसे ज्यादा समय पेमेंट करने में लगता है. जिसकी वजह से यात्रियों को हर बार कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता. इंटरनेट बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड जैसे विकल्पों से भुगतान करने की प्रक्रिया में अधिक समय लगने की वजह से टिकट खत्म हो जाते थे. इसलिए टिकट बुकिंग व पेमेंट को और आसान बनाने के लिए आईआरसीटीसी ने ई-वॉलेट से तत्काल टिकट बुकिंग सेवा शुरू की है.
हालांकि तेजी से टिकट बुक करने में होने वाली असुविधा को कम करने के लिए आईआरसीटीसी ने लगभग चार साल पहले ही वेबसाइट के जरिए टिकट बुक करने वालों के लिए ई-वॉलिट सेवा शुरू की थी. लेकिन यह सुविधा तत्काल टिकट के लिए नहीं थी.
इस वॉलेट का नाम 'IRCTC रेल कनेक्ट' रखा गया है. ई-वॉलेट को प्रयोगकर्ता पेटीएम और फ्रीचार्ज जैसे ई-वॉलेट की तरह ही इस्तेमाल कर सकते है. इसमें पहले से रुपये जमा करने का विकल्प होता है. इसके अलावा IRCTC के रेल कनेक्ट ऐप के जरिए सामान्य टिकट के साथ-साथ तत्काल टिकट की बुकिंग के लिए भी ई-वॉलेट से पेमेंट की सुविधा है. ई-वॉलेट की तुलना में बैंको के जरिए पेमेंट करने पर लगभग दोगुना समय लगता है.
आईआरसीटीसी रेल टिकट बुकिंग की देश की सबसे बड़ा प्लेटफार्म है. आईआरसीटीसी द्वारा रोजाना 1,30,000 टिकटों का लेनदेन किया जाता है और इनमें से अधिकांश टिकट तत्काल के लिए बुकिंग आरंभ होने से कुछ ही मिनिटों में बुक हो जाती है. इसका गठन रेल मंत्रालय द्वारा अपनी समस्त खानपान एंव पर्यटन गतिविधियों को नए निगम को सौंपने से मूल उद्देशय से किया गया था ताकि इन सेवाओ का व्यवसायीकरण और उन्नयन पब्लिक प्राइवेट साझेदारी के माध्यम से किया जा सके.