Minimum Wages Increase: खुशखबरी! केंद्र सरकार ने बढ़ाई न्यूनतम मजदूरी दर, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें

केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की घोषणा की है. नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगी. इससे पहले, अप्रैल 2024 में इस दर में आखिरी संशोधन किया गया था.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wages ) में वृद्धि की घोषणा की है. यह वृद्धि 'वैरिएबल डियरनेस अलाउंस' (VDA) में संशोधन के जरिए की गई है. इसका उद्देश्य मजदूरों को महंगाई से राहत दिलाना है, ताकि वे बढ़ती जीवन-यापन की लागत का सामना कर सकें. नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगी. इससे पहले, अप्रैल 2024 में इस दर में आखिरी संशोधन किया गया था.

किन श्रमिकों को मिलेगा लाभ? 

यह बढ़ी हुई मजदूरी दर असंगठित क्षेत्र के उन श्रमिकों पर लागू होगी जो केंद्रीय क्षेत्र के संस्थानों में काम करते हैं. इनमें भवन निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि कार्यों में लगे श्रमिक शामिल हैं. इस संशोधन से श्रमिकों को उनके काम के अनुसार उचित मजदूरी मिलेगी.

वर्गीकरण के अनुसार होगी मजदूरी 

न्यूनतम मजदूरी दरों को श्रमिकों के कौशल स्तर और काम करने के स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. श्रमिकों को 'अकुशल', 'अर्द्ध-कुशल', 'कुशल' और 'अत्यधिक कुशल' श्रेणियों में बाँटा गया है, साथ ही उनके कार्यक्षेत्र को 'ए', 'बी' और 'सी' श्रेणियों में विभाजित किया गया है. यह भौगोलिक क्षेत्रों के अनुसार है ताकि अलग-अलग स्थानों की जीवन लागत के आधार पर उचित मजदूरी सुनिश्चित की जा सके.

महंगाई का प्रभाव कम करने का प्रयास 

वर्तमान समय में महंगाई की मार से असंगठित क्षेत्र के श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में सरकार की यह पहल उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है. नई दरें न केवल श्रमिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाएंगी, बल्कि उन्हें अपने परिवार का बेहतर ढंग से भरण-पोषण करने में मददगार साबित होंगी.

आर्थिक असमानता कम करने की दिशा में कदम 

यह फैसला न सिर्फ मजदूरों के हित में है, बल्कि देश की आर्थिक असमानता को भी कम करने का प्रयास है. सरकार का मानना है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. इससे मजदूरों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा.

सरकार की इस पहल को श्रमिक संगठनों ने सराहा है और इसे मजदूर हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. अब देखना होगा कि यह फैसला मजदूरों के जीवन में किस हद तक सुधार ला पाता है.

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