केंद्र ने किया केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) 2020 नियमों में विस्तार, इन सरकारी कर्मचारियों पर होगा लागू
सरकारी नौकरी (File Photo)

Central Civil Services (Pension) 2020 Rules: केंद्र सरकार ने खुफिया और सुरक्षा संबंधी संस्थानों में काम कर चुके सेवानिवृत्त अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करने से रोकने संबंधी अपने नियमों में संशोधन करके नए उपनियम शामिल किए हैं. इनमें यह शर्त भी शामिल है कि अधिकारी संस्थान के कार्य क्षेत्र या किसी कर्मचारी संबंधी कोई सामग्री साझा नहीं कर सकते हैं. केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2021 को मंगलवार 31 मई को देर रात अधिसूचित किया गया. इन नियमों में कहा गया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने के लिए संस्थान प्रमुख से पूर्व में अनुमति लेनी होगी. नए नियमों के अंतर्गत सीबीआई, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसपीजी समेत कुल 18 जांच, रक्षा एवं खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को मिली एक और बड़ी राहत, अब सरकार ने लिया यह फैसला

सरकार द्वारा जारी नए नियम के मुताबिक सुरक्षा और खुफिया एजेंसी के रिटायर्ड अफसरों पर पाबंदियां लगाई गई हैं. संशोधन में कहा गया है, ‘सभी कर्मचारियों को संस्थान प्रमुख को वचन देना होगा कि वे इस प्रकार की सूचना प्रकाशित नहीं करेंगे और ऐसा नहीं करने पर उनकी पेंशन (पूर्ण या आंशिक रूप से) पर रोक लगा दी जाएगी या वापस ले ली जाएगी.’

संशोधन की खास बातें

1) इन नियमों को सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) अमेंडमेंट रूल्स, 2020 कहा जा सकता है.

2) आधिकारिक गजट जारी होने की तारीख यानी 31 मई से ही ये नियम प्रभावी हो गए हैं.

3) सूचना के अधिकार कानून(आरटीआई) के दूसरे शेड्यूल में आने वाले किसी भी इंटेलीजेंस या सुरक्षा संबंधी संस्थानों में कार्यरत किसी भी कर्मी को रिटायरमेंट के बाद कुछ खास मामले में कोई लेख या किताब प्रकाशित करने से पहले उस संस्था से मंजूरी लेनी होगी, जहां से वे रिटायर हुए हैं.

4) इसके तहत संस्थान के डोमेन जैसे कि किसी शख्स के बारे में जानकारी या उनका संदर्भ व उनका पेशा और संस्थान में काम करते हुए हासिल विशेषज्ञता के बारे में प्रकाशन के लिए मंजूरी लेनी होगी.

5) इसके अलावा कोई भी संवेदनशील जानकारी जिससे देश की एकता व अखंडता प्रभावित हो या विदेशी संबंध प्रभावित हो या देश की रणनीतिक, साइंटिफिक या आर्थिक हित प्रभावित हों, तो ऐसे लेख को प्रकाशित करने के लिए पहले मंजूरी लेनी होगी.

6) संस्थान के प्रमुख के पास किसी भी लेख या किताब को लेकर यह तय करने का अधिकार होगा कि यह संवेदनशील है या नहीं.

7) एक फॉर्म 26 अंडरटेकिंग के रूप में पूर्वकर्मी को देना होगा. इसके तहत अगर रिटायरमेंट के बाद वह अंडरटेकिंग की शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो उनकी पेंशन रोकी जा सकती है.

ये संस्थान हैं सूची में शामिल

इस सूची में इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, राजस्व खुफिया निदेशालय, सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, स्पेशल ब्रांच, लक्षद्वीप पुलिस, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आते हैं.