IAF: भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, आज पहली बार बेड़े में शामिल होंगें स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मिसाइलों से होगा लैस
हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) को खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा क्योंकि यह मल्टीपर्पस हेलीकॉप्टर कई मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है.
Light Combat Helicopter In Indian Airforce: भारतीय वायुसेना (IAF) सोमवार (3 अक्टूबर) को देश में विकसित हल्के स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल करेगी. इससे वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा क्योंकि यह मल्टीपर्पस हेलीकॉप्टर कई मिसाइल दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है. Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में पुलिसकर्मी शहीद
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) को खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस हेलीकॉप्टर में दो लोगों के बैठने की क्षमता है. सोमवार को इसे जोधपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में शामिल किया जाएगा.
इस हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन है. इसमें कई तरह की मिसाइलें और हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं. यह अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ सकता है. इसकी रेंज 550 किलोमीटर हैं. इस हेलीकॉप्टर की लंबाई 51.10 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है.
एक बार में यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है. अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें अनगाइडेड बम और ग्रेनेड लॉन्चर लगाए जा सकते हैं. ये हेलीकॉप्टर हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने में सक्षम होते हैं.
इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे.
रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) के मुताबिक इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना (Air Force) के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे. अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है. इसमें कई में ‘स्टील्थ’ यानी राडार से बचने की विशेषता है. इसे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. इसके अलावा बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और इमरजेंसी की स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है.