हवा में ही दुश्मनों को नेस्तानाबूत करने के लिए भारत ने तैयार किया 'क्विक रिएक्शन मिसाइल', परीक्षण सफल
भारत ने मंगलवार को अपने दो और अत्याधुनिक मिसाइल का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया. यह मिसाइले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सेना की शक्तियों को बढ़ाने के लिए विकसित की गई है.
बालासोर: भारत ने मंगलवार को अपने दो और अत्याधुनिक मिसाइल का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया. यह मिसाइले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सेना की शक्तियों को बढ़ाने के लिए विकसित की गई है.
जानकारी के मुताबिक यह मिसाइल जमीन से हवा में तेज गति से मार करने में सक्षम है. सेना के बेड़े में इसके शामिल होने के बाद भारत की वायु सुरक्षा में और भी मजबूती हो जाएगी. बताया जा रहा है कि यह मिसाइल जमीन से ही किसी भी संदिग्ध एअरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल, यूएवी, बैलेस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और कॉम्बैट जेट को हवा में ही ध्वस्त कर सकती है.
गौरतलब हो कि आठ फरवरी को डीआरडीओ ने सबसे अत्याधुनिक टैंक रोधी मिसाइल के हेलीकॉप्टर से दागे जाने वाले प्रारूप ‘हेलीना’ का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल 7 - 8 किमी की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है. ‘हेलीना’ एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘‘नाग’’ का हेलीकॉप्टर से दागे जाने वाला प्रारूप है.
डीआरडीओ ने इसे विकसित किया है और यह दुनिया के सर्वाधिक अत्याधुनिक एंटी टैंक हथियारों में एक है. यह मिसाइल इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) से दिशानिर्देशित होती है. गौरतलब है कि 13 जुलाई 2015 को राजस्थान के जैसलमेर स्थित एक फायरिंग रेंज से हेलीना के तीन दौर का परीक्षण किया गया था. साथ ही, पिछले साल 19 अगस्त को पोखरण टेस्ट रेंज से रूद्र हेलीकाप्टर के जरिए भी इसका सफल परीक्षण किया गया था.