भारत-चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच आज होगी बातचीत, पैंगोंग झील रहेगा बड़ा मुद्दा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय पक्ष इस बातचीत में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी और डेमचोक में तनाव कम करने का ठोस प्रस्ताव रख सकता है. पूर्वी लद्दाख के ये वो तीन अहम इलाके हैं जहां करीब एक महीने से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है.
भारत चीन सीमा विवाद (Ladakh Standoff) को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत शनिवार सुबह लगभग 9 बजे लद्दाख में चुशूल के पास चीन की सीमा में मोल्दो (Moldo) में शुरू होगी. न्यूज एजेंसी ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत की तरफ से इस बातीच में 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (Lieutenant Gen Harinder Singh) चीनी मेजर जनरल लियू लिन (Maj Gen Liu Lin) के साथ चर्चा करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद को शांत करने की कोशिश की जाएगी. इस बैठक पर सबकी नजर रहेगी कि क्या ये बैठक तनाव कम करने में कारगर साबित हो पाती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय पक्ष इस बातचीत में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी और डेमचोक में तनाव कम करने का ठोस प्रस्ताव रख सकता है. पूर्वी लद्दाख के ये वो तीन अहम इलाके हैं जहां करीब एक महीने से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. यह भी पढ़ें- भारत के बाद चीन ने भी ठुकराया डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता का प्रस्ताव, कहा- तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं.
भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह-
रिपोर्ट्स के अनुसार भारत चर्चा के दौरान चीन से गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग झील के फिंगर 4 से पीछे हटने की मांग सख्ती से उठा सकता है. सीमा विवाद को लेकर दोनों देश पीछे नहीं हटना चाहते. भारत अवैध तरीके से जमीन हड़पने वाले चीन को करारा जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
बता दें कि एक महीने से लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. इस तनाव को दोनों देशों के बीच 2017 में डोकलाम की घटना के बाद सबसे बड़ा सैनिक तनाव माना जा रहा है. गलवान घाटी में चीनी सैनिक एलएसी से आगे आ गए और साथ ही आसपास की पहाड़ियों पर भी उन्होंने अधिकार कर लिया. इसी तरह हॉट स्प्रिंग में भी चीनी सैनिकों ने आगे आकर मोर्चाबंदी कर ली.