मोबाइल फोन ठीक करवाने को शख्स बना पुलिस अफसर

लॉकडाउन के इस आलम में अपना मोबाइल फोन ठीक करवाने के लिए एक युवक ने अपना परिचय पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में दिया और अपने अधीनस्थ एक पुलिस अधिकारी को फोन कर उससे अपना फोन ठीक करवाने को कहा, लेकिन बाद में उसकी यह धोखाधड़ी पकड़ी गई और उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया.

प्रतिकत्मिक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लखनऊ: लॉकडाउन के इस आलम में अपना मोबाइल फोन ठीक करवाने के लिए एक युवक ने अपना परिचय पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में दिया और अपने अधीनस्थ एक पुलिस अधिकारी को फोन कर उससे अपना फोन ठीक करवाने को कहा, लेकिन बाद में उसकी यह धोखाधड़ी पकड़ी गई और उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. आजमगढ़ के एसपी त्रिवेणी सिंह ने कहा कि 23 साल के इस शख्स का नाम शुभम उपाध्याय है और वह एक किसान का बेटा है. वह प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, लेकिन शनिवार को उसका फोन अचानक खराब हो गया. वह स्थानीय मैकेनिक के पास इसे ठीक करवाने के लिए ले गया, लेकिन लॉकडाउन के चलते उसकी इस समस्या का हल नहीं हो पाया.

उपाध्याय ने कोतवाली पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी के.के. गुप्ता को कॉल करने के लिए एक फ्री कॉलर आइडेंटिफिकेशन एप का इस्तेमाल किया. इसके बाद उसने उन्हें धमकी भी दी कि उसका काम पूरा न होने पर वह उन्हें नौकरी से बाहर निकाल देगा. गुप्ता को उसकी बातों पर शक हुआ और आखिरकार युवक पकड़ा गया. पुलिस को दिए बयान में शुभम ने कहा, "रविवार की दोपहर को अपना फोन ठीक कराने के खातिर लखनऊ पहुंचने के लिए मैंने जिले की सीमा लांघने की कोशिश की, लेकिन वहां पुलिस बड़े पैमाने पर तैनात थी और बैरिकेडिंग भी की हुई थी, तो मैं घर लौट आया. मैंने इसके बाद अपने फोन में एक फ्री कॉलर आइडेंटिफिकेशन एप को इंस्टॉल किया और आजमगढ़ के एसपी के नाम का उल्लेख लिखा और सब कुछ असली लगे, इसलिए पुलिस की फोटो भी लगाई." यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि और उनके 10 साथियों के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर उत्तराखंड में मुकदमा दर्ज

उसने पहले अपना फोन ठीक कराने के लिए कोतवाली के थाना प्रभारी को कॉल किया और बताया कि एक घंटे में एसपी के कार्यालय से वह अपना फोन ले लेगा. इसके बाद उसने एक बिजनेसमैन को अपना एसयूवी लाने के लिए फोन किया और अपना फोन एसएसओ को देने को कहा, लेकिन जब उसने पुलिस को दोबारा एक अगल जगह पर मिलने को कहा, तो उस पर पुलिस को शक हुआ.

उसने जहां मिलने आने के लिए कहा था, वहां पुलिस ने जाल बिछाकर रखा था. जब गाड़ी में बैठकर पवन शुक्ला वहां आया, तो पुलिस ने उसे दबोच लिया और उससे आरोपी उपाध्याय का पता मांगा. इसके बाद बिलारिया इलाके में उपाध्याय के घर पहुंचकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसे आईटी एक्ट और एक लोक सेवक को धमकाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.

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