Hul Diwas 2023: हूल दिवस 2023 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज के नायकों और नायिकाओं को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "हुल दिवस पर, हम उन आदिवासी नेताओं की वीरता और बलिदान को याद करते हैं. जिन्होंने अपने समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. उनका संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है.
संताल हूल के महानायक सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो को पूरे झारखंड ने हूल दिवस पर याद किया. उनकी वीरता का गुणगान किया. झारखंड के साहेबगंज जिले के भोगनाडीह में हूल दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यहां बतौर मुख्य अतिथि सीएम हेमंत सोरेन समेत कई गणमान्य मौजूद रहे.
‘हूल दिवस’ पर हमारे आदिवासी समाज के वीर-वीरांगनाओं को शत-शत नमन। यह विशेष अवसर हमें अन्याय के खिलाफ सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत कई अन्य पराक्रमियों के शौर्य और साहस का स्मरण कराता है। उनके संघर्ष की गाथा देशवासियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2023
गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया, "हुल दिवस आदिवासी समुदाय के साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. सिद्धो-कान्हू, चाँद-भैरव व फूलो-झानो जैसे बलिदानियों की विदेशी हुकूमत के शोषण के विरोध में संघर्ष की गाथा देशवासियों को प्रेरित करती रहेगी."
‘हूल दिवस’ संथाल विद्रोह के उन सभी हुतात्माओं को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने मातृभूमि व जनजातीय अस्मिता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
सिद्धो-कान्हू, चाँद-भैरव व फूलो-झानो जैसे बलिदानियों की विदेशी हुकूमत के शोषण के विरोध में संघर्ष की गाथा देशवासियों को प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/xxbhg7bNTR
— Amit Shah (@AmitShah) June 30, 2023
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, "हूल दिवस उन आदिवासी नेताओं के बलिदान को याद करने का दिन है जिन्होंने उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उनके संघर्ष ने आदिवासियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है और हमारे देश के इतिहास को आकार देने में मदद की है."
आज हूल दिवस के दिन तेज बारिश में दिखा आप सभी का स्नेह, उत्साह और आशीर्वाद हमें राज्य के गरीब, वंचित, जरूरतमंद और सभी वर्गों के लोगों के लिए दिन-रात काम करने की प्रेरणा देता है।
आप सशक्त बनेंगे, तभी राज्य आगे बढ़ेगा। आपके लिए सरकार विभिन्न योजनाएं लेकर आयी है जिससे लाखों लोग… pic.twitter.com/GSpySQqdBa
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 30, 2023
हुल दिवस हर साल 30 जून को संथाल हुल की याद में मनाया जाता है, जो 1855 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रमुख आदिवासी विद्रोह था. इस विद्रोह का नेतृत्व झारखंड के दो आदिवासी प्रमुखों सिधू मुर्मू और कान्हू मुर्मू ने किया था. विद्रोहियों ने अपने अधिकारों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसमें भूमि का अधिकार और अपने स्वयं के रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करने का अधिकार शामिल था. विद्रोह को अंततः अंग्रेजों ने दबा दिया, लेकिन इसे आदिवासी समुदाय के साहस और दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है.