Republic Day Parade 2025 And Beating Retreat Ceremony Tickets: गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकटों की बिक्री आज से शुरू, यहां जानें कीमत समेत जानें पूरी जानकारी

26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकटों की बिक्री आज से शुरू हो रही है. यह कार्यक्रम न केवल भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह भारतीय नागरिकों के लिए एक गौरवमयी अनुभव होगा.

गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह को लेकर एक महत्वपूर्ण सूचना आई है. रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकटों की बिक्री आज से शुरू हो रही है. यह टिकट जनता के लिए विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध होंगे, जिससे लोग आसानी से इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे.

टिकट खरीदने के स्थान और तरीका

गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकट सेना भवन, शास्त्री भवन, जंतर-मंतर, प्रगति मैदान और राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर खरीदी जा सकती है. इसके लिए टिकट खरीदने वाले व्यक्ति को मूल फोटो पहचान पत्र दिखाना आवश्यक होगा. इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट आमंत्रण डॉट एमओडी डॉट जीओवी डॉट आईएन और आमंत्रण मोबाइल ऐप से भी ऑनलाइन टिकट खरीदी जा सकती है.

टिकट की कीमतें

गणतंत्र दिवस परेड के लिए टिकट की कीमत 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक निर्धारित की गई है, जबकि बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए टिकट की कीमत केवल 20 रुपये होगी. यह अवसर भारतीय संस्कृति, सैन्य परंपरा और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होता है, जिसे हर भारतीय को देखने का अवसर मिलना चाहिए.

इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह में कई महत्वपूर्ण और आकर्षक प्रदर्शनों की उम्मीद जताई जा रही है. यह कार्यक्रम न केवल भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह भारतीय नागरिकों के लिए एक गौरवमयी अनुभव होगा.

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह को लेकर लोग उत्साहित हैं. टिकटों की बिक्री के शुरू होने से अब लोग इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लेने के लिए जल्दी से टिकट खरीद सकते हैं और इसका हिस्सा बन सकते हैं.

गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह का इतिहास

भारत में गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह का महत्व केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक, सैन्य और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है. ये समारोह देश की स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद की उपलब्धियों का सम्मान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर हैं.

गणतंत्र दिवस परेड का इतिहास

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत 1950 से हुई, जब भारत ने अपनी संविधान को अपनाया और आधिकारिक रूप से गणराज्य बना. 26 जनवरी 1950 को भारत ने संविधान को लागू किया और भारतीय गणराज्य के रूप में अपनी यात्रा शुरू की.

गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन 1950 में दिल्ली के राजपथ पर हुआ था. इसका उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति और वैज्ञानिक प्रगति को प्रदर्शित करना था. पहले परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने भाग लिया था, साथ ही कई राज्यीय और सांस्कृतिक झांकियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं.

आज यह परेड भारतीय राष्ट्र के गौरव को दर्शाने के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति और परंपराओं का भी परिचय देती है. परेड में सैन्य बलों के प्रमुख प्रदर्शनों के अलावा, राष्ट्रीय ध्वज की सलामी, राजकीय सम्मान और राष्ट्रपति का संबोधन भी होता है.

बीटिंग रिट्रीट समारोह का इतिहास

बीटिंग रिट्रीट समारोह की परंपरा ब्रिटिश साम्राज्य से आई है, जब सैनिकों को दिन के अंत में अपनी बैरकों में लौटने का आदेश दिया जाता था. भारत में यह परंपरा 1950 से चली आ रही है, जब गणतंत्र दिवस समारोह के अंत में बीटिंग रिट्रीट आयोजित किया गया.

बीटिंग रिट्रीट समारोह हर साल 29 जनवरी को आयोजित होता है, और इसका मुख्य आयोजन भारतीय राष्ट्रपति के भवन के पास स्थित विजय चौक पर होता है. इस दिन भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के बैंड अपना संगीत प्रस्तुत करते हैं और राष्ट्र के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं. यह समारोह भारतीय राष्ट्रीय एकता, साहस और अनुशासन का प्रतीक है.

समारोह का सबसे प्रमुख और दिलचस्प हिस्सा "सांस्कृतिक ध्वज" का झंडा उतारने की प्रक्रिया होती है. इस दिन भारतीय सैनिक अपने बैंड और ध्वज के साथ देश की सेना की शक्ति और एकता का प्रतीक प्रस्तुत करते हैं.

गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग रिट्रीट समारोह का इतिहास एक लंबी और गौरवमयी यात्रा है. ये समारोह भारतीय संस्कृति, सैन्य बलों की ताकत, और देशवासियों के बीच एकता और शांति का प्रतीक हैं. समय के साथ, ये आयोजन देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बन गए हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति को जीवित रखते हैं.

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