Hearing on 370: जम्मू-कश्मीर में कब होंगे चुनाव? SC ने केंद्र से पूछा- राज्य का दर्जा बहाल करने का रोडमैप बताएं
अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मोदी सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा मांगी.
नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 (Article 370) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मोदी सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा मांगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से कहा है कि जम्मू और कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा देने को लेकर अपना रोडमैप बताएं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे और राज्य का दर्जा कब बहाल होगा? इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश को जो केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, वह स्थायी नहीं है और कुछ ही समय के लिए है. Article 370: पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिया आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला; सुप्रीम कोर्ट में बोली सरकार.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि हम स्टेप बाई स्टेप चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह कितना अस्थायी है और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह बताने को कहा कि क्या जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समय सीमा है और इस प्रगति का कोई रोडमैप है?
इससे पहले 28 अगस्त को सुनवाई में कोर्ट ने आर्टिकल 35A को नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाला आर्टिकल बताया था. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे. लेकिन, इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए.
क्यों हटाया अनुच्छेद 370?
केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को कहा गया कि फरवरी 2019 में पुलवामा में CRPF काफिले पर जिहादी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद केंद्र ने कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म कर वहां केंद्रशासित प्रदेश बनाने का विचार किया. सरकार ने बताया कि पुलवामा हमला 2019 एक बड़ी घटना थी जिसके बाद केंद्र ने संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा सहित कई मुद्दों को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया.