Hathras Gangrape Case: हाथरस कांड के आरोपियों ने जेल से लिखी चिट्ठी, खुद को बताया निर्दोष

उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में हर रोज एक नया मोड़ सामने आ रहा है. चारो आरोपियों ने एसपी हाथरस को पत्र लिखकर अपने को निर्दोष बताया है. यह पत्र तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एसपी को भेजी गई चिट्ठी में चारों आरोपी संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान भी हैं.

जेल/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

हाथरस, 8 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Gangrape) में हर रोज एक नया मोड़ सामने आ रहा है. चारो आरोपियों ने एसपी हाथरस को पत्र लिखकर अपने को निर्दोष बताया है. यह पत्र तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एसपी को भेजी गई चिट्ठी में चारों आरोपी संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान भी हैं. जेलर आलोक सिंह ने बताया कि पत्र हाथरस एसपी को भेज दिया गया है. हाथरस केस में आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को लिखी चिट्ठी में खुद को झूठे मामले में फंसाए जाने की दलील दी है.

आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है. मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में वारदात के पूरे घटनाक्रम को बताया है. मुख्य आरोपी ने चिट्ठी में यह भी दावा किया कि उसकी मृत युवती के साथ दोस्ती थी, जिस पर उसके परिवार को एतराज था. घटना वाले दिन के बारे में आरोपी का कहना है कि वह उस दिन मिलने खेत पर गया था लेकिन बाद में वह युवती के भाई व मां के कहने पर घर वापस लौट आया था और अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिला रहा था. मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में मृत युवती के भाई और उसकी मां पर युवती के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है.

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उसने कहा, हम लोगों की फोन पर बात होती थी. इसी वजह से उस दिन मां और भाई ने लड़की की पिटाई की थी. यह लोग भी मौके पर बाद में पहुंचे थे. उन्हें पानी भी पिलाया था, लेकिन उल्टा उन्हें ही फंसा दिया गया. चारों आरोपियों ने इस मामले में पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है. मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में बताया कि इस केस में आरोपी बनाए गए रवि और रामू उसके परिवार से ताल्लुक रखते हैं और रिश्ते में उसके चाचा हैं. इनका कहना है कि उस दिन मृत युवती की पिटाई मां और भाई ने की थी.

आरोपियों ने यह भी बताया है कि उनकी मृत युवती से दोस्ती और काफी देर फोन पर ओर बात करने की वजह से उसको भाई व मां ने पीटा है. इतनी बुरी तरह पीटा है, इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं थी. इन लोगों ने कहा कि, घटना वाले दिन भी हमारी मृत युवती से मुलाकात हुई थी. इस दौरान लड़की की मां तथा भाई के कहने पर मैं वहां से चला गया. हमारी फोन पर बात होती थी, लेकिन हमने कभी उसको न तो मारा-पीटा और न ही उसके साथ गलत काम किया.

जेल अधीक्षक आलोक सिंह के अनुसार, जेल मैनुअल के मुताबिक किसी भी बंदी को जेल से बाहर चिट्ठी भेजने का अधिकार है. बुधवार को दोपहर में यह चिट्ठी लिफाफा बंद कराकर उपलब्ध कराई गई जो शाम तक हाथरस के एसपी को दी गई.

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