कोरोना संकट के बीच हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की रिटायरमेंट रोकी
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर हरियाणा (Haryana) में सरकारी डॉक्टरों और आवश्यक सेवाओं में शामिल अन्य लोगों की सेवानिवृत्त अवधि बढ़ा दी गई है.111 संदिग्ध लोगों की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.
चंडीगढ़: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के मद्देनजर हरियाणा (Haryana) में सरकारी डॉक्टरों और आवश्यक सेवाओं में शामिल अन्य लोगों की सेवानिवृत्त अवधि बढ़ा दी गई है. हरियाणा के मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा (Keshni Anand Arora) के मुताबिक कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार से निपटने और उससे उत्पन्न संकट से उबरने के लिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 17 पहुंच गई है.
इस महामारी को लेकर हुई संकट समन्वय समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्यों और आवश्यक सेवाओं में लगे अन्य लोगों की सेवाओं का विस्तार करने का फैसला किया है. जल्द ही इससे जुड़ा प्रस्ताव संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा राज्य के वित्त विभाग को भेजा जाएंगे. Coronavirus: कोरोना वायरस का कहर जारी, विश्वभर में मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंचा
राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे हरियाणा को लॉकडाउन (बंद) किया गया है. बुधवार को गुड़गांव में एक निजी अस्पताल में कार्यरत पानीपत की 21 वर्षीय नर्स कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है. जिससे राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 17 हो गई है.
अधिकारिक बयान के अनुसार गुड़गांव में सबसे ज्यादा 10 कोरोना पॉजिटिव केस मिले है. जबकि पंचकूला, पलवल और सोनीपत जिले से एक-एक मामला सामने आया है. इसके अलावा पानीपत में कोरोना वायरस के दो संक्रमितों की पुष्टी हुई है. फरीदाबाद से कोरोना वायरस के दो केस मिले है. जबकि 111 संदिग्ध लोगों की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.