Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर दाखिल हिंदू और मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर जिला अदालत में आज सुनवाई होगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जिला अदालत में पेश की है, अदालत ने सुनवाई आज यानी गुरुवार को तय की है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अपने अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव के जरिए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट: ज्ञानवापी मामला धार्मिक पूजा स्थल अधिनियम के दायरे से बाहर.
यादव ने बताया कि रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के पूर्व मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाए और किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जायें.
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, "सर्वेक्षण के 92 दिनों के बाद रिपोर्ट दाखिल की जानी थी. एएसआई ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की... मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई है कि रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में दाखिल की जाए और रिपोर्ट का निपटारा होने तक इसे सार्वजनिक डोमेन में प्रकट नहीं किया जाएगा."
#WATCH | Gyanvapi Shringar Gauri case | Advocate Subhash Nandan Chaturvedi, representing the Hindu side says, "Report had to be filed after 92 days of survey. ASI filed the report in a sealed envelope...An application of the Muslim side is also before the Court that the report be… pic.twitter.com/IpJfP7D5yj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 21, 2023
नंदन चतुर्वेदी ने कहा, 'हमने 18 दिसंबर को इस पर आपत्ति जताई थी और उल्लेख किया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल नहीं की जाएगी... इसलिए, कोर्ट ने आज की तारीख दी थी और आज सुनवाई होगी...रिपोर्ट खुले या सीलबंद लिफाफे में दी जाएगी या नहीं, इस पर सुनवाई होगी.'
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?