Monkeypox Guidelines: मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइंस, राज्यों को किया अलर्ट
दूसरे देशों से आने वाले मंकीपॉक्स के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' जारी किए. मंकीपॉक्स के प्रबंधन और देशभर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय और जोखिम-आधारित दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
नई दिल्ली: दूसरे देशों से आने वाले मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' जारी किए. मंकीपॉक्स के प्रबंधन और देशभर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय और जोखिम-आधारित दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. Monkeypox: दुनियाभर के देशों में मंकीपॉक्स का खतरा, जानें भारत में क्या है स्थिति.
हालांकि, मंत्रालय ने पुष्टि की कि आज तक भारत से मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है.
मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार का हिस्सा है, जिसमें चेचक के वायरस भी शामिल हैं. चेचक का वायरस अब भारत में खत्म हो चुका है. यह यूके और यूरोप में हो सकता है. प्रमुख विशेषज्ञों ने इसको लेकर चेतावनी दी है, क्योंकि आमतौर पर अफ्रीका के क्षेत्रों तक सीमित रहने वाला यह वायरस अब दुनियाभर में फैल रहा है.
पिछले शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मंकीपॉक्स वायरस 20 से अधिक देशों में फैल गया है, लगभग 200 पुष्ट मामले और 100 से अधिक संदिग्ध मामले उन देशों में हैं, जहां यह आमतौर पर नहीं पाया जाता.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) और/या सीक्वेंसिंग द्वारा वायरल डीएनए के अनूठे अनुक्रमों का पता लगाकर मंकीपॉक्स वायरस के मामले की पुष्टि की जाती है. जांच के लिए नमूनों को संबंधित जिले या राज्य के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से आईसीएमआर-एनआईवी (पुणे) की शीर्ष प्रयोगशाला में ले जाया जाता है.
दिशानिर्देशों में इस रोग की जटिलता, निदान, केस प्रबंधन, जोखिम संचार, संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) पर मार्गदर्शन और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के बारे में बताया गया है.
दिशानिर्देश निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान पर जोर देते हैं और प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के रूप में मानव-से-मानव में फैलने के जोखिम को कम करने की जरूरत बताते हैं.
यह आईपीसी उपायों, घर पर आईपीसी, रोगी का आइसोलेशन और एम्बुलेंस स्थानांतरण रणनीतियों, अतिरिक्त सावधानियों का ध्यान रखने की जरूरत और आइसोलेशन प्रक्रियाओं की अवधि के बारे में भी बताता है.
दिशानिर्देशों के अनुसार, संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी के संपर्क में आने से 21 दिनों की अवधि में लक्षणों की शुरुआत हो सकती है, इसलिए संपर्को की निगरानी की जानी चाहिए.
दिशानिर्देश मंकीपॉक्स वायरस के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के बारे में विस्तार से बताते हैं, जैसे बीमार व्यक्ति के संपर्क से बचना, संक्रमित रोगी को अलग करना, हाथ की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना और रोगियों की देखभाल करते समय उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करना.