वन दरोगा नियुक्ति: पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित, लोगों को करें जागरूक; मुख्यमंत्री योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत राजधानी के लोकभवन में शुक्रवार को नव नियुक्त वन दरोगाओं को नियुक्त पत्र वितरित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित है.
लखनऊ, 22 नवंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत राजधानी के लोकभवन में शुक्रवार को नव नियुक्त वन दरोगाओं को नियुक्त पत्र वितरित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित है. आप लोगों को जागरूक कर समाज और देश के लिए योगदान कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री योगी ने नियुक्त पत्र पाने वाले लोगों से कहा कि इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित है. हाल ये है कि कई शहरों में प्रदूषण के कारण स्कूल-कॉलेज तक बंद करने पड़ रहे हैं. ऐसे समय में आप लोगों को जागरूक कर समाज और देश के लिए योगदान कर सकते हैं. इसके लिए अपने क्षेत्र में नए प्रयोग करें और अपने विभाग को सर्वोत्तम बनाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी जब कोई पाता है तो वह निश्चिंत होकर अपने दायित्वों को भूल जाता है, जबकि उसे अपने दायित्वों के प्रति ईमानदार होना चाहिए. यह भी पढ़ें : उप्र के वाराणसी में धार्मिक आयोजनों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 15 महिलाएं गिरफ्तार
योगी ने कहा कि पिछले सात वर्षों से हमने चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाया है, एक चीज हमने किया कि जब नियुक्ति पत्र दें, तो हम संवाद स्थापित करते हैं, नियुक्ति प्रक्रिया में शुचिता पारदर्शिता बरकरार रहे. यही हम आयोग से कहते आ रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पहले यूपी में भर्ती निकलती थी और महाभारत के रिश्ते टपक पड़ते थे. हमने कहा कि भर्ती में किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जाएगा. इसका परिणाम अब दिख रहा है. अभी कल ही पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हुआ है. आगे के प्रक्रिया पूरी करने के बाद 60 हजार पदों पर पुलिस की भर्ती की जाएगी, जिसमें 20 प्रतिशत संख्या महिला कर्मी की होंगी. हमने साढ़े सात वर्षों में पारदर्शी और शुचितापूर्ण भर्ती की.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आमतौर पर होता है कि सरकारी कर्मचारी जनता से दूरी बना लेते हैं. वो जनता से संवाद नहीं करते हैं पर जनता से संवाद कर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रकृति को गैस चैंबर बनने से पर्यावरण विभाग और उसके कार्मिक रोक सकते हैं. अधूरा ज्ञान, अधूरी तकनीक हमेशा खतरनाक होता है. सरकार आपसे इसलिए अपेक्षा भी करती है, जब पारदर्शी तरीके से आपका चयन करती है, तो आपकी भी राज्य और देश के प्रति जिम्मेदारी बनती है.