Flipkart: ईडी के नोटिस पर फ्लिपकार्ट ने दिया बड़ा बयान, कहा- हम भारतीय कानूनों का पालन कर रहे हैं

बयान के अनुसार, अधिकारी अपने नोटिस के अनुसार 2009-2015 की अवधि से संबंधित इस मामले की जांच करेंगे और इसमें हम उनके साथ सहयोग करेंगे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापकों और नौ अन्य को नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

फ्लिपकार्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर ई-कॉमर्स (E-commerce) प्रमुख फ्लिपकार्ट (Flipkart) को नोटिस जारी किया है. वहीं कंपनी ने कहा है कि वह भारतीय कानूनों (Indian Laws) का अनुपालन कर रही है और 2009-2015 से संबंधित मामले में अधिकारियों के साथ सहयोग करेगी. नोटिस पर एक सवाल के जवाब में कंपनी ने कहा, फ्लिपकार्ट एफडीआई नियमों (Flipkart FDI Rules) सहित भारतीय कानूनों और विनियमों के अनुपालन में है. Flipkart: फ्लिपकार्ट होलसेल ने बिहार में परिचालन का विस्तार किया

बयान के अनुसार, अधिकारी अपने नोटिस के अनुसार 2009-2015 की अवधि से संबंधित इस मामले की जांच करेंगे और इसमें हम उनके साथ सहयोग करेंगे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापकों और नौ अन्य को नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

जाांच से जुड़े ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, हां, फ्लिपकार्ट, इसके संस्थापकों और नौ अन्य को नोटिस जारी किया गया है. हालांकि, उन्होंने उन लोगों के ब्योरे का खुलासा नहीं किया, जिन्हें नोटिस भेजे गए हैं.

वित्तीय जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, नोटिस में उन्होंने यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि विदेशी निवेश कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए उन्हें 135 करोड़ डॉलर के दंड का सामना क्यों नहीं करना चाहिए.

सूत्र ने कहा कि सिंगापुर में स्थित एक कंपनी सहित फ्लिपकार्ट और उसकी अन्य होल्डिंग कंपनियों ने 2009 और 2015 के बीच विदेशी निवेश आकर्षित करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किया.

कंपनी पर लगे आरोपों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन और बहु-ब्रांड खुदरा को विनियमित करना शामिल हैं. आरबीआई के इस मुद्दे को उठाने के बाद ईडी की जांच शुरू हुई थी.

2018 में, वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में बहुमत हिस्सेदारी ली. सौदे के दौरान कंपनी के संस्थापक सचिन बंसल ने वॉलमार्ट को अपनी हिस्सेदारी बेच दी, जबकि बिन्नी बंसल ने एक छोटी हिस्सेदारी बरकरार रखी.

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