सूरत अग्निकांड के बाद सरकार का आदेश, व्यावसायिक परिसरों में चलने वाले सभी कोचिग संस्थान बंद किए जाए
सूरत के कोचिंग सेंटर में लगी भीषड़ आग (Photo Credit-ANI Twitter)

गांधीनगर: सूरत में शुक्रवार को लगी भीषण आग में मारे गए छात्रों की संख्या शनिवार को बढ़कर 23 हो गई. वहीं, गुजरात के सभी आठ नगर निगमों ने शनिवार को व्यावसायिक परिसरों में चलने वाले सभी कोचिंग बंद करने के आदेश दिए. अस्पताल में सात छात्र अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों को आग से सुरक्षा संबंधी सभी मानक अपनाने का आदेश दिया गया है. इसका पालन नहीं करने वालों को आगे कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अधिकारियों ने कोचिंग संस्थानों में आग से सुरक्षा के उपाय अपनाने की जांच शुरू कर दी है. अन्य शहरों में निजी अस्पताओं और अन्य संस्थानों में भी आग से सुरक्षा के उपाय अपनाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है.

इस क्रम में राजधानी गांधीनगर में लाइब्रेरी सहित कई संस्थानों को सील कर दिया गया है, जिसमें भरूच में 40 कोचिंग संस्थानों के साथ ही अन्य शहरों में स्थित कोचिंग संस्थान शामिल हैं. पुलिस आयुक्त सतीश वर्मा ने कहा कि इस बीच पुलिस ने भार्गव भूटानी को गिरफ्तार किया है, जो सूरत में तक्षशिला इमारत में आर्ट एवं ड्राविंग का कोचिंग संस्थान संचालित कर रहा था. इस बीच इस व्यावसायिक इमारत के बिल्डर हरसुख वकारिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उसकी तलाश की जा रही है. उधर, घायल छात्रों में से दो वेंटिलेटर पर हैं और पांच को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है. चार अन्य की हालत स्थिर बताई गई है. यह भी पढ़े: सूरत कोचिंग अग्निकांड: उर्मिला मातोंडकर ने पीड़ितों के परिवारवालों के लिए किया ऐसा ट्वीट

चार-मंजिला इमारत के शीर्ष तल पर एक कला कोचिंग सेंटर में आग लगने से मारे गए अधिकांश छात्र 14 से 17 वर्ष की आयु के थे। इनमें से कुछ विद्यार्थियों का शनिवार को कक्षा 12वीं का परिणाम आने वाला था. अधिकारियों ने बताया कि आग भूतल से बढ़ती हुई शीर्ष मंजिल तक जा पहुंची. दूसरी कक्षा में बैठे कुछ छात्र आग से बचने के लिए छत पर चढ़ गए, लेकिन इसके बाद उन्होंने खुद को वहां फंसा हुआ पाया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने पर तक्षशिला आर्केड बिल्डिंग में लगभग 50 छात्र रहे होंगे. सोशल मीडिया पर ग्राफिक वीडियो में देखा जा सकता है कि आग व धुएं से बचने के लिए 10 से अधिक छात्र तीसरी और चौथी मंजिल से कूदे थे.