उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर पहुंचे दिल्ली, कहा- मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के नाराज किसान अपनी प्रमुख मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नाराज किसान अपनी प्रमुख मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं जिसकी वजह से दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा हो सकती है. जिस वजह से ट्रैफिक विभाग के कई रास्तों में बदलव कर दिया गया है. ताकि दिल्ली वासियों को आने जाने में परेशानियों का सामना ना करना पड़े. बता दें कि उत्तर प्रदेश के खासकर सहारनपुर के किसान बिजली के बिल कम करने, गन्ने के भुगतान संबंधित अपने कई मांगों को लेकर 11 सितंबर से मोर्चा शुरू किया था. जो इनका अब यह मोर्चा दिल्ली-एनसीआर पहुंच चुका है. हजारों की संख्या में ये किसान दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हुए है और वहां धरने पर बैठे हैं. मोर्चा प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सरकार के खिलाफ दिल्ली कूच करेंगे.
सरकार के खिलाफ मोर्चा प्रदर्शन कर रहे किसानों में भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने मीडिया के बातचीत में बताया है कि हमारे 11 प्रतिनिधियों को कृषि मंत्रालय में मिलने के लिए बुलाया गया. वहां वो लोग अपनी मांग रखेंगे, अगर उनकी मांगों को सरकार मान लेती है तो वे अपना मोर्चा खत्म कर यही से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो जाएंगे नहीं तो दिल्ली के लिए कूच करेंगे. हालांकि ये दिल्ली के अन्दर ना घुस सके इन्हें बॉर्डर पर ही रोकने के लिएपुलिस द्वारा सीमाएं सील कर दी गई हैं. इसके साथ ही इनको रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर पर बड़े पैमाने पर पुलिस भी तैनात कर दिए गए हैं. यह भी पढ़े: Farmers’ Protest in Delhi: हजारों की संख्या में नाराज यूपी के किसान दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन, भारी पुलिसबल तैनात
किसानों की प्रमुख मांगे:
सरकार के खिलाफ मोर्चा प्रदर्शन कर रहे इन किसानों की प्रमुख मांगे है कि उन्हें कम रेट पर बिजली मिले, गन्ने का भुगतान ब्याज सहित हो, किसान पेंशन शुरू हो, किसान दुर्घटना बीमा मिले, किसान और मजदूरों की शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त हो, स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो साथ ही किसानों की कर्ज माफी भी की जाए आदि मांगे इन किसानों के शामिल है. जिनका कहना है कि सरकार उनकी मांगे मान लेती है तो ठीक है नहीं तो उनका विरोध प्रदर्शन रुकने वाला नहीं हैं.