केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित भागवनपुर नांगल गांव के एक किसान की मौत हो गई. किसान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के सहयोगी सौरभ ने यह जानकारी आईएएनएस को दी.
उन्होंने बताया कि बागपत जिला स्थित भगवानपुर नांगल गांव के गलतान सिंह गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में शामिल थे और पूर्णतया स्वस्थ थे. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में उनकी मौत हो गई. सौरभ ने बताया कि दिवंगत गलतान सिंह करीब 57 साल के थे.
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से ही किसान डेरा डाले हुए हैं. वे तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.
हालांकि सरकार ने उनकी चार प्रमुख मांगों में पराली दहन से संबंधित अध्यादेश के तहत भारी जुर्माना और जेल की सजा के प्रावधान से मुक्त करने और बिजली सब्सिडी से जुड़ी उनकी मांगों को बुधवार को हुई बैठक में मान ली है और अन्य दो मांगों पर किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच अगली दौर की वार्ता चार जनवरी को होगी.