नई दिल्ली, 27 सितम्बर: पुलिस ने यहां बताया कि तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक की सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान 55 वर्षीय बघेल राम के रूप में हुई है, जो पंजाब के खेला गांव का निवासी था और कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) का सदस्य था. केकेयू के एक अन्य सदस्य रघुवीर सिंह ने कहा कि बघेल राम की तबीयत कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी और वह अपने डेरे में आराम कर रहे थे. पुलिस ने कहा कि बघेल की मौत की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और उसे पास के अस्पताल ले गए जहां किसान को मृत घोषित कर दिया गया. पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है.
पहले किसान की मौत को लेकर अफरातफरी की खबरें आती थीं, लेकिन पुलिस ने ऐसी सभी खबरों का खंडन किया. उनकी मृत्यु कृषि संघों द्वारा देशव्यापी हड़ताल के दिन हुई है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भारत भर के लगभग 100 किसान संघों, 15 ट्रेड यूनियनों और कई राजनीतिक दलों के एक संघ ने संयुक्त रूप से सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था. भारत के राष्ट्रपति ने पिछले साल तीन कृषि कानूनों को अपनी सहमति दी थी, जिसे उन्होंने पहली वर्षगांठ को चिह्न्ति करने के लिए सोमवार को 'ब्लैक डे' कहा था. सिंघू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉलियां खड़ी थीं लेकिन वहां अपेक्षाकृत कम लोग थे. यह उन जगहों में से एक है जहां नवंबर 2020 से किसान धरने पर बैठे हैं. यह भी पढ़े: कोझीकोड की 31 वर्षीय महिला ने आत्महत्या की कोशिश से पहले अपने जुड़वां बच्चों को कुएं में फेंका, पुलिस ने किया गिरफ्तार
दिल्ली-करनाल राजमार्ग (सिंघू गांव में) का लगभग ढाई किमी लंबा हिस्सा, जहां हमेशा बड़ी संख्या में किसानों को देखा जाता था. पिछले कुछ महीनों में सोमवार को लगभग सुनसान नजारा दिखा. यहां तक कि नियमित भाषणों और रैलियों के लिए बनाए गए दो चरण भी लगभग खाली थे. लुधियाना (पंजाब) के एक किसान जगदीश सिंह ने कहा, "ट्रॉलियां खाली हैं क्योंकि उनमें रहने वाले लोग टिकरी और दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सड़कों को अवरुद्ध करने गए हैं. "प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन तैयार करने में व्यस्त सिंह ने आईएएनएस को बताया, "शाम तक स्थिति अलग होगी और अधिक से अधिक लोग यहां होंगे. " सिंघू धरना स्थल पर मौजूद लोग या तो खाना बनाने में या तंबू साफ करने में व्यस्त दिखे. दिल्ली पुलिस और केंद्रीय बलों की कई टीमों के साथ सिंघू विरोध स्थल के बाहरी परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दिल्ली से सिंघू की ओर जाने वाले लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, क्योंकि दिल्ली-करनाल रोड (सिंघू गांव में) पर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.