'सुप्रीम कोर्ट भी अरविंद केजरीवाल को सीएम के लायक नहीं मानता', कांग्रेस नेता ने क्यों कहा ऐसा?
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नई दिल्ली, 15 सितंबर : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा की. इसके बाद सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें काफी पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था. अब इस इस्तीफे का कोई मतलब नहीं है.

संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से एक खास बातचीत में कहा, इस इस्तीफे का कोई मतलब नहीं है. यह इस्तीफा बहुत पहले दे देना चाहिए था. नैतिकता की दवा देकर वह मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन उन्होंने इसकी कोई झलक नहीं दिखाई. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए क्या कहा है, जब किसी मुख्यमंत्री को पहली बार जमानत मिलती है तो उससे कहा जाता है कि आप दफ्तर नहीं जा सकते, आप अधिकारियों से नहीं मिल सकते, आप वहां कोई फाइल साइन नहीं कर सकते." यह भी पढ़ें : केजरीवाल ने इस्तीफा देने की घोषणा की, भाजपा ने बताया “पीआर हथकंडा”

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अरविंद केजरीवाल पर भरोसा नहीं है. उसने खुले तौर पर कहा कि यह ऐसा व्यक्ति है जो उनकी नजर में "इस समय मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है". अगले मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें शराब की बोतल टेबल पर रख देनी चाहिए और उसी से मुख्यमंत्री का काम करना चाहिए. हरियाणा में चुनाव प्रचार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जहां भी जाते हैं, कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करते हैं. वहां भी वह कांग्रेस को रोकने के लिए ही प्रचार करेंगे."

इससे पहले हाल ही में जमानत पर रिहा होने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मैं जब जेल में था तो भाजपा वालों ने पूछा कि केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है. इन्होंने विपक्ष के सभी लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए. आज दिल्ली के लिए कितना कुछ कर पाए क्योंकि हम ईमानदार हैं. ये लोग हमारी ईमानदारी से डरते हैं, क्योंकि ये ईमानदार नहीं है."

उन्होंने ऐलान किया, "आज मैं जनता की अदालत में आया हूं. आपसे पूछने आया हूं कि क्या आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हैं या गुनहगार मानते हैं. दो दिन के बाद मैं सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे. आप अपना फैसला सुनाएंगे तब मैं जाकर उस कुर्सी पर बैठूंगा. आपको लग रहा होगा कि अब में ऐसा क्यों बोल रहा हूं, इन्होंने मुझ पर आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, भ्रष्टाचारी है, इस काम के लिए नहीं आया था मैं.