चुनाव आयोग ने रोका 'आप' का कैंपेन सॉन्ग: आतिशी

चुनाव आयोग ने अपने पत्र के माध्यम से आम आदमी पार्टी (आप) के कैंपेन सॉन्ग 'जेल का जवाब वोट से देंगे' पर रोक लगा दी है. रविवार को जानकारी देते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि यह पहली बार हुआ होगा कि किसी राजनीतिक पार्टी के 'कैंपेन सॉन्ग' पर चुनाव आयोग ने रोक लगाई है.

Minister Atishi | Photo- ANI

नई दिल्‍ली, 28 अप्रैल : चुनाव आयोग ने अपने पत्र के माध्यम से आम आदमी पार्टी (आप) के कैंपेन सॉन्ग 'जेल का जवाब वोट से देंगे' पर रोक लगा दी है. रविवार को जानकारी देते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि यह पहली बार हुआ होगा कि किसी राजनीतिक पार्टी के 'कैंपेन सॉन्ग' पर चुनाव आयोग ने रोक लगाई है. हमारे कैंपेन सॉन्ग में कहीं पर भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.

आम आदमी पार्टी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चुनावी आचार संहिता की रोज धज्जियां उड़ाई जा रही है. लेकिन, चुनाव आयोग उस पर कुछ नहीं करता. ईडी सीबीआई का उपयोग करके विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जाता है तो उस पर चुनाव आयोग को कोई आपत्ति नहीं होती है. लेकिन, जब आम आदमी पार्टी इस तथ्य को गाने में लिख देती है तो उससे दिक्कत होती है. वह कहते हैं कि 'जेल का जवाब वोट से देंगे' यह रूलिंग पार्टी और जांच एजेंसियों को 'पूअर लाइट' में दिखाता है. यह भी पढ़ें : Odisha: राहुल गांधी का सीएम पर निशाना,कहा – जैसे पीएम 22,25 अरबपतियों की सरकार केंद्र में चलाते,वैसे ही नविन पटनायक यहां गिने चुने लोगों की सरकार चलाते है- Video

आतिशी ने चुनाव आयोग पर हमला करते हुए कहा कि आप सीबीआई, ईडी के हेड को नहीं बदलेंगे. इनकम टैक्स के हेड को नहीं बदलेंगे. विपक्ष पर हो रहे हमलों को चुनाव के दौरान नहीं रोकेंगे. लेकिन, अगर कोई प्रचार में कह दे कि झूठी गिरफ्तारियां हो रही है तो चुनाव आयोग को इससे आपत्ति है. आज एक बार फिर तानाशाही का सबूत देश के सामने रखा गया है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस के बैंक खाते सीज किए गए और जिस तरह से अब आम आदमी पार्टी का कैंपेन सॉन्ग रोका गया है, यह साफ-साफ दिख रहा है कि आज इस देश का लोकतंत्र खतरे में है. हम चुनाव आयोग को यह याद दिलाना चाहेंगे कि आप लोग टीएन शेषन जैसे अधिकारियों के उत्तराधिकारी हैं. उन्हें निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आज इतने वर्ष बाद भी याद किया जाता है.

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