ईडी अचल संपत्ति, मनोरंजन इंडस्ट्री में गलत तरीके से अर्जित लाभ की कर रही जांच
पश्चिम बंगाल में ईडी की छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के घर से मिले करोड़ों रुपये के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्र ने खुलासा किया कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के करोड़ों रुपये के घोटाले से प्राप्त लाभ को पार्थ चटर्जी और अन्य ने रियल एस्टेट और फिल्म निर्माण में निवेश किया हो सकता है.
कोलकाता, 30 जुलाई : पश्चिम बंगाल में ईडी की छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के घर से मिले करोड़ों रुपये के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्र ने खुलासा किया कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के करोड़ों रुपये के घोटाले से प्राप्त लाभ को पार्थ चटर्जी और अन्य ने रियल एस्टेट और फिल्म निर्माण में निवेश किया हो सकता है. एजेंसी को कई दस्तावेजों मिले हैं, जिन्हें अब स्कैन किया जा रहा है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि, "कई लोगों के नाम सामने आए हैं. हम पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के साथ उनकी गतिविधियों और संबंधों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. उनमें से कई रियल एस्टेट डेवलपर हैं.
हमें पार्थ चटर्जी द्वारा दक्षिण कोलकाता में कई बहुमंजिला परिसरों के वित्तपोषण के संबंध में कुछ सूचनाएं भी मिली हैं. पूर्व मंत्री ने मूल मालिकों से जमीन प्राप्त करने के लिए अपने दबदबे का इस्तेमाल किया होगा, जो डेवलपर्स के प्रस्तावों के लिए सहमत नहीं हुए होंगे." जब्त किए गए संपत्ति दस्तावेजों में कई फ्लैटों के स्वामित्व के दस्तावेज हैं, जिनमें से कुछ चटर्जी के रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम हैं. ज्यादातर मामलों में, डेवलपर्स के तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता के साथ संबंध थे, जिनका महत्वपूर्ण प्रभाव था और उन्हें पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद पद पर दूसरे नंबर के व्यक्ति माने जाते थे. यह भी पढ़ें : Mumbai: राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ NCP का हल्ला बोल, प्रदर्शन कर जताया विरोध
"हम अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व वाले एची एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की गतिविधियों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां तक कि अर्पिता मुखर्जी की मां ने भी दावा किया है कि उनकी बेटी के पास एक प्रोडक्शन फर्म है. क्या पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों दोनों में फिल्म उद्योग में पैसा लगाया गया था? फिल्म निर्माण में काले धन का प्रवेश कोई नई बात नहीं है. हो सकता है कि इस पैसे से टेलीविजन धारावाहिकों का निर्माण भी किया गया हो." ईडी के सूत्र ने कहा कि फिल्म और टेलीविजन उद्योग के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से एजेंसी के संपर्क में हैं और इस शिकायत के साथ कि फंडिंग के नए स्रोतों ने उन्हें काम से कैसे वंचित कर दिया है. यहां तक कि अर्पिता मुखर्जी को टॉलीवुड में कम ही भूमिकाएं मिलीं.