Delhi: धोखाधड़ी के मामले में दो साल से फरार चल रहा युवक गिरफ्तार, पैसे लेकर करवा था एडमिशन

आरोपी की पहचान रानी बाग के मुल्तानी मोहल्ला निवासी लकी सिद्धू के रूप में हुई है. आरोपी फरार था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार दिल्ली में अपना ठिकाना बदलता रहता था.

गिरफ्तार (Photo Credits File)

नई दिल्ली, 27 मार्च: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने दो साल से फरार एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. वह एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन दिलाने के बहाने पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को ठगने के मामले में वांटेड था. आरोपी की पहचान रानी बाग के मुल्तानी मोहल्ला निवासी लकी सिद्धू के रूप में हुई है. आरोपी फरार था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार दिल्ली में अपना ठिकाना बदलता रहता था. यह भी पढ़ें: Delhi: रोहिणी इलाके में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में एक व्यक्ति गिरफ्तार, पुलिस की टीम ने इलाके में एक जाल बिछाकर पकड़ा

पुलिस के अनुसार, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच में एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु के एक मेडिकल कॉलेज में अपने बेटे के एडमिशन का वादा करने के बहाने लकी द्वारा उससे 12 लाख रुपये की ठगी की गई. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जुलाई 2018 में, उसे लकी सिद्धू का फोन आया, जिसने उसे बताया कि वह बेंगलुरु के एक मेडिकल कॉलेज में अपने बेटे के प्रवेश की व्यवस्था कर सकता है। आरोपी ने भर्ती कराने के लिए कुल 30 लाख रुपये की मांग की.

शिकायतकर्ता उत्तम नगर में लकी के ऑफिस भी गया और उसे 10 लाख रुपये नकद दिए. इसके बाद, उसने शिकायतकर्ता को अपने बेटे के साथ बेंगलुरु जाने को कहा, जहां वह और उसका छोटा भाई रिंकू मिलेंगे. अधिकारी ने कहा, आरोपी ने शिकायतकर्ता को रिंकू को 2 लाख रुपये देने के लिए कहा, और वह एडमिशन में मदद करेगा. रिंकू को बेंगलुरु में शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये कैश मिले. बाद में, शिकायतकर्ता और उसके बेटे को मेडिकल कॉलेज से पता चला कि कोई एडमिशन नहीं हुआ है.

जांच के दौरान तकनीकी निगरानी और स्थानीय सूचना के आधार पर लकी को रानी बाग इलाके में उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में पता चला कि आरोपी 'घोषित अपराधी' है और वह लुधियाना में दर्ज इसी तरह के एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में भी वांछित है.

लकी नीट पास-आउट छात्रों के विवरण का प्रबंधन करता था. वह इन छात्रों को बुलाता था और देश भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में कमीशन के आधार पर एमबीबीएस/पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों का वादा करता था. अधिकारी ने कहा, कई बार आरोपी सहयोगियों के साथ छात्रों से एडवांस में पैसे ले लेता था और बाद में वे पीड़ितों की कॉल को अनदेखा करने या अपने मोबाइल नंबर बदलने लगता था.

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