दिल्ली की यात्रा पर आये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शुक्रवार को राजनीतिक संतुलन साधते नजर आए। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद अपने सहयोगी दलों कांग्रेस-एनसीपी को झटका देते हुए उद्धव ने दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएए पर मुसलमानों को डराया जा रहा है. पीएम मोदी के हवाले से उद्धव ने यह भी कहा कि एनआरसी असम के अलावा पूरे देश में कहीं लागू नहीं होने जा रहा है.
शिवसेना प्रमुख ने यह भी साफ कर दिया कि महाराष्ट्र में एनपीआर की प्रक्रिया को उनकी सरकार आगे बढ़ाएगी.उनका बयान इसलिए अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की. माना जा रहा है कि वहां भी कांग्रेस के रुख के उलट उन्होंने एनपीआर पर आगे बढ़ने की बात कही. यह भी पढ़े: CAA Protest: कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी की बढ़ी मुश्किलें, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर 1 करोड़ से ज्यादा का नोटिस
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दिल्ली आए उद्धव ठाकरे का बयान शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन में तनाव और बढ़ा सकता है.मोदी से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से सीएए-एनआरसी और एनपीआर को लेकर मेरी बातचीत हुई। इस बातचीत में बनी समझ के आधार पर मेरा मानना है कि सीएए को लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है. यह कानून किसी को देश से निकालने का कानून नहीं है और न ही किसी को निकाला जाएगा. उद्धव ने कहा कि यह सही है कि पड़ोसी देशों में उत्पीड़न के शिकार जो नागरिक हैं वे हिन्दू हैं और सीएए उन्हीं को नागरिकता देने का कानून है.
उद्धव ने बताया कि पीएम ने कहा कि पूरे देश में एनआरसी नहीं होने जा रहा है. केवल असम में एनआरसी है और इसकी वजह सबको मालूम है. एनपीआर लागू करने पर कांग्रेस-एनसीपी के एतराज से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर दस साल में जनगणना होती है और एनपीआर इसका हिस्सा है। एनपीआर किसी को घर से बाहर निकालने के लिए नहीं है। हालांकि सहयोगी दलों की चिंता के मद्देनजर उद्धव ने यह जरूर कहा कि यदि एनपीआर में खतरनाक पहलू सामने आएंगे तो फिर विवाद हो सकता है और तब वे इसे देखेंगे.