देहरादून: गैंगरेप विक्टिम को स्कूल ने ऐडमिशन देने से किया इनकार, शिकायत दर्ज

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक स्कूल ने 16 वर्षीय लड़की को एडमिशन देने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उसके साथ गैंगरेप हुआ है. खबर सामने आने के बाद से ही स्कूल को आलोचनाओं का सामना कर पड़ रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक स्कूल ने 16 वर्षीय लड़की को एडमिशन देने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उसके साथ गैंगरेप हुआ है. खबर सामने आने के बाद से ही स्कूल को आलोचनाओं का सामना कर पड़ रहा है. स्कूली छात्रा के साथ दो महीने पहले शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप हुआ था. यही कारण बताते हुए स्कूल ने छात्रा को एडमिशन देनसे इनकार कर दिया.

गैंगरेप पीड़िता के वाकिं पीड़िता के वकील अरुणा नेगी चौहान ने बातया कि, सितंबर के अंतिम सप्ताह में लड़की के पेरेंट्स उसके दाखिले के लिए सीबीएसई के कई स्कूलों का दौरा किया था. पीड़िता को 10वीं में एडमिशन लेना था. कई स्कूलों ने उसके पढ़ाई के परफॉर्मेंस को लेकर उसे एडमिशन देने से मना कर दिया, लेकिन 27 सितंबर को शहर के एक स्कूल ने यह कहकर लड़की को एडमिशन नहीं दिया कि वह रेप विक्टिम है. पीड़िता को आखिरकार दूसरे शहर में एडमिशन लेना पड़ा. बॉडी बनाने के चक्कर में युवक ने लिया घोड़े वाला इंजेक्शन, अस्पताल में भर्ती

वकील ने पूछा पीड़िता की पहचान कैसे हुई

पीड़िता की वकील अरुण नेगी चौहान ने मांग की है कि सीबीएसई स्कूल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करे. वकील ने देहरादून के एसएसपी निवेदिता कुकरेती को लेटर लिखकर पूछा है कि 16 साल की पीड़िता की पहचान कैसे उजागर हुई? उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. यह सबसे बड़ा सवाल है कि स्कूलों को कैसे पता चला कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था? कानून के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए पुलिस इस मामले की जांच करे कि इसके पीछे कौन है.

पीड़िता के वकील ने कहा कि छात्रा पढ़ाई में थोड़ी कमजोर है, इसलिए यह माना जा सकता है कि कुछ स्कूलों ने उसे मेरिट के आधार पर दाखिला देने से मना कर दिया लेकिन हम उस पर्टिकुलर स्कूल को लेकर शिकायत कर रहे हैं जिसने रेप पीड़ित कह कर उसे एडमिशन देने से इनकार कर दिया.

मुख्यमंत्री ने दिया जांच का भरोसा

गैंगरेप पीड़िता को देहरादून के स्कूल में एडमिशन ना मिलने पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सफाई देने के साथ ही अफसोस जताते हुए कहा कि यह धारणा गलत है, बच्ची को एडमिशन मिलना चाहिए. जिस स्कूल द्वारा ऐसा किया गया है उसकी जांच की जाएगी आखिर उसने ऐसा क्यों किया है .

Share Now

\